उत्तर प्रदेश की जौनपुर की स्थानीय अदालत ने श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट कांड में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, दोषियों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगा है.
बता दें कि जुलाई 2005 में हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट में 14 लोगों की जान चली गई थी. जिला शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र मौर्य ने शनिवार को बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार राय ने शुक्रवार को इस मामले में दो आरोपियों रफीकुल विश्वास और हिलाल को दोषी ठहराया है. मौर्य ने कहा कि अदालत ने आज इस मामले में सुनवाई की. जिसके बाद आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई.
मौर्य ने बताया कि वर्ष 2005 में 28 जुलाई को शाम लगभग पांच बजे पटना से नई दिल्ली जाते समय श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन जैसे ही हरपालगंज रेलवे स्टेशन पार कर हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंची. उसी समय ट्रेन में भीषण विस्फोट हो गया. घटना में 14 लोगों की जान चली गई थी और लगभग 62 लोग घायल हो गए थे. इस ट्रेन विस्फोट कांड में आरोपी नफीकुल विश्वास और उसके साथी हिलाल को न्यायालय ने दोषी करार दिया है.
जानकारी के अनुसार विस्फोट को अंजाम देने के लिए आरडीएक्स का उपयोग कर बम डिब्बे के शौचालय में रखा गया था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि जौनपुर में दो युवक सफेद सूटकेस के साथ ट्रेन में चढ़े थे. कुछ ही देर बाद दोनों आतंकी चलती ट्रेन से कूद पड़े और अपना सूटकेस लिए बिना वहां से भाग गए, जिसके कुछ मिनट बाद ही ट्रेन में विस्फोट हो गया था.
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