यमन के हूती आतंकियों का लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाने का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ रहा है. अमेरिका और 12 सहयोगियों ने बुधवार को अंतिम चेतावनी दी है कि हमलों को रोक दिया जाए, नहीं तो सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें.
हमास के हमले के बाद 7 अक्टूबर को गाजा पर इजरायल के जवाबी हमलों की शुरुआत के बाद से ही हूती आतंकियों ने इजरायल की ओर कई मिसाइल और ड्रोन छोड़े हैं. 19 दिसंबर से अब तक कम से कम 23 हमले किए हैं.
बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमले जारी रहने की स्थिति में संभावित भागीदारी के नियमों का ब्योरा देने से इनकार कर दिया. हालांकि, इस बात पर जोर दिया कि ईरान समर्थित हूती आतंकियों को अमेरिका और उसके सहयोगियों से एक और चेतावनी मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
अमेरिका और 12 सहयोगियों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान जारी कर हमलों की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनावपूर्ण स्थिति है.
देशों ने संयुक्त बयान में कहा, “अब हमारा संदेश स्पष्ट है. हम तुरंत इन हमलों को रोकने और गलत तरीके से हिरासत में लिए गए जहाजों तथा चालक दल को रिहा करने का आह्वान करते हैं. अगर ऐसा नहीं किया गया तो हूती खतरनाक परिणामों के जिम्मेदार होंगे.’
बता दें, बयान पर हस्ताक्षर करने वाले अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन हैं.
दरअसल, कई दिनों से खाड़ी देश यमन के बड़े हिससे पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही लाल सागर से इजराइल जाने वाले सभी जहाजों को निशाना बना रहे हैं. हूतियों का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य गाजा पट्टी में इजराइल के हवाई और जमीनी हमले को समाप्त करना है. पिछले साल भी हूतियों ने लाल साहर में एक कार्गों शिप को अपने कब्जे में लिया था. 3 दिसंबर के बाद हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाजों को भी निशाना बनाया.
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