चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को पेश किए बजट में किसानों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री ने 5 लाख 47 हजार से अधिक किसानों द्वारा कृषि ऋण समितियों से फसली ऋण पर राहत दी है. किस्तों का समय पर भुगतान नहीं होने की वजह से किसानों पर ब्याज और ब्याज लगा. ब्याज और जुर्माना ही बढ़कर 1739 करोड़ रुपये पहुंच गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने बजट भाषण में किसानों द्वारा 30 सितंबर, 2023 तक लिए गए फसली ऋण पर जुर्माना और ब्याज माफ करने का ऐलान किया.
इस माफी का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो 31 मई, 2024 तक मूलधन का भुगतान कर देंगे. बैंकों में डिफाल्टर घोषित होने की वजह से इन किसानों को आगे फसली ऋण नहीं मिल रहा था. किसानों की इसी पीड़ा को समझते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. किसानों के मुद्दे पर बजट स्पीच के दौरान ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तकरार भी देखने को मिली. हुड्डा ने पंजाब बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का मुद्दा उठाया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यापक बहुउद्देश्यीय गतिविधियां सहकारी समिति (सीएम पैक्स) नाम एक नया सहकारी आंदोलन शुरू किया है. इससे उद्यमिता और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा. सीएम पैक्स में कृषि ऋण, फसल और खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन, भंडारण, परिवहन भंडारण, बीमा और अन्य ग्रामीण आधारित सेवाओं सहित अन्य गतिविधियों की एक विस्तृत शृंखला शामिल होगी. सीएम ने अगले एक साल में प्रदेश में 500 नये सीए पैक्स स्थापित करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इन पैक्स से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि के नये द्वार खुलेंगे और सहकारी आंदोलन को फलने-फूलने के लिए एक मंच मिलेगा.
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना पर हर सीजन में लगभग दस लाख किसान अपना विवरण देते हैं. किसानों की फसल खरीद में किसी तरह की परेशानी नहीं आती. मुआवजा और उनकी फसलों का पैसा सीधा उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है. पिछले तीन वर्षों में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलों की खरीद की और उनका भुगतान डीबीटी के जरिये किया. खरीफ और रबी सीजन-2023 में किसानों को 29 हजार 876 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इसी तरह भावांतर सहायता की 178 करोड़ रुपये की राशि भी किसानों को दी है.
सरकार ने प्राकृतिक आपदा से फसलें नष्ट होने पर किसानों को अपने दावे दर्ज करवाने में सक्षम बनाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति के रूप में डिजिटल प्लेटफार्म मुहैया करवाया. इससे सरकार किसानों को सीधे सहायता प्रदान कर पाई. पूर्व में यह सहायता भू-स्वामियों को दी जाती थी. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल से जल्द सत्यापन होता है और दावे भी जल्दी ही मिलते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में मुआवजे के रूप में अभी तक 297 करोड़ 58 लाख रुपये की वित्तीय मदद किसानों को की जा चुकी है.
62 हजार एकड़ भूमि का होगा सुधार
सरकार ने अगले एक साल में प्रदेशभर की 62 हजार एकड़ लवणीय और जलभराव वाली भूमि के सुधार का लक्ष्य रखा है. पिछले बजट में सरकार ने ऐसी 50 हजार एकड़ भूमि में सुधार का निर्णय लिया था. इस अवधि में सरकार ने 52 हजार 695 एकड़ भूमि का सुधार किया है. इस कार्य पर सरकार ने 80 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च किए हैं. हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा चिह्नित की गई बेकार और जलभराव वाली भूमि को अगले तीन वर्षों में सुधारा जाएगा ताकि उन पर खेती शुरू की जा सके.
11007 फसल अवशेष मशीनें दी
पराली जलाने की रोकथाम और प्रदूषण को कम करने में किसानों की मदद करने के लिए सरकार ने किसानों को 11 हजार 7 फसल अवशेष मशीनें वितरित की हैं. किसानों को प्रति एकड़ 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. पिछले साल इस योजना के तहत 1 लाख 56 हजार किसानों ने 14 लाख एकड़ भूमि में पराली अवशेष प्रबंधन के लिए अपना पंजीकरण करवाया. इन किसानों को 139 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार ने दी है. सीएम ने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में पराली जलाने के मामलों में 67 प्रतिशत की कमी आई है.
6 बॉटनिकल गार्डन बनेंगे
बजट में प्रदेश में छह जगहों पर बॉटनिकल गार्डन विकसित करने का निर्णय लिया है. ये संग्रह, संरक्षण, थीम पार्क, शैक्षिक, प्रशिक्षण और जर्मप्लाज्म के लिए स्थानीय आबादी के लिए प्रमुख आकर्षण और प्रमुख के केंद्र के रूप में उभरेंगे. सरकार ने किसानों के लिए तीन नये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है. पंचकूला में कटाई उपरांत प्रबंधन के लिए, हांसी में स्वच्छ राेपण सामग्री के लिए और चीका में वर्टिकल फार्मिंग के लिए केंद्र स्थापित होंगे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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