नेपाल: देश में सरकार परिवर्तन और गठबन्धन में बदलाव का असर दिखने लगा है. नई सरकार ने लुम्बिनी में होने वाले उस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है, जिस कार्यक्रम को लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी. लुम्बिनी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस फैसले को चीन के दबाब में लिए जाने का आरोप लगाया है.
लुम्बिनी में मार्च 11-12 को होने वाले लॉरेट्स एंड लीडर्स समिट कार्यक्रम को प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ के निर्देशन के बाद स्थगित कर दिया गया है. इस सम्मेलन में दुनिया भर के 9 नोबल शांति पुरस्कार विजेताओं को आमंत्रित किया गया था. इस समारोह के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रमुख अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. पहले इस कार्यक्रम में दलाई लामा को बुलाने की चर्चा थी और कार्यक्रम की तारीख भी पहले 10 मार्च को रखा गया था.
काठमांडू स्थित चीनी दूतावास ने नेपाल सरकार से मिल कर इस कार्यक्रम पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी. चीन की तरफ से लगातार इस कार्यक्रम को रद्द करने को लेकर सरकार पर दबाब बनाया जा रहा था. चीन के विरोध के बाद 10 मार्च की तारीख को बदल कर 11 मार्च कर दिया गया था लेकिन काठमांडू में सत्ता गठबन्धन बदलते ही सरकार की तरफ से इस पूरे कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया.
प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ के निर्देश के बाद लुम्बिनी प्रदेश के मुख्यमंत्री डिल्ली बहादुर चौधरी को बिना जानकारी दिए प्रदेश के मुख्य सचिव ने कार्यक्रम रद्द होने की सूचना प्रकाशित कर दी है. इस पर मुख्यमंत्री चौधरी ने केन्द्र सरकार के इस फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे चीन के दबाब में लिए जाने का आरोप लगाया. गठबन्धन बदलते ही प्रदेश सरकार भी अल्पमत में आ गई है और किसी भी समय प्रदेश की नेपाली कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है. इस सरकार से माओवादी पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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