नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राजनेताओं द्वारा समान उल्लंघनों के लिए विभिन्न राज्यों में चुनाव अधिकारियों के अलग-अलग दृष्टिकोण का मुद्दा उठाया और चुनाव आयोग से सही समय पर कड़े कदम उठाने का आग्रह किया.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और भाजपा महासचिव विनोद तावड़े सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस विसंगति को उजागर करने के लिए चुनाव आयोग से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता ओम पाठक और संजय मयूख भी शामिल थे.
तावड़े ने बाद में पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्ष का घमंडिया इंडी गठबंधन तीन लक्ष्यों को लेकर चुनाव लड़ने जा रहा है. पहला- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देना. दूसरा- नारी शक्ति’ का अपमान करना और तीसरा देश की संस्कृति को अपमानित करते रहना है. उन्होंने कहा कि हमने आयोग के समक्ष विशेष रूप से राजनेताओं द्वारा समान उल्लंघनों के प्रति विभिन्न राज्यों के चुनाव अधिकारियों के अलग-अलग दृष्टिकोण का मुद्दा उठाया है.
भाजपा नेता ने इस संबंध में कर्नाटक से लोकसभा चुनाव लड़ रही केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे का मुद्दा उठाते हुए कहा कि करंदलाजे के बयान पर स्थानीय चुनाव अधिकारियों का अलग रुख था जबकि तमिलनाडु के एक मंत्री के उसी प्रकार के बयान पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना पंजाब और पश्चिम बंगाल के चुनाव अधिकारी किसी दबाव में आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत जो कार्रवाई करनी चाहिए, वह नहीं कर रहे हैं. आयोग को इस दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए.
उन्होंने इस संबंध में तमिलनाडु सरकार में मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन सहित अन्य नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री के लिए अभद्र भाषा के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया. तावड़े ने शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने की ओर भी ध्यान दिलाया.
तावड़े ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से सही समय पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया और हमें आश्वासन दिया गया कि आयोग इस मुद्दे पर गौर करेगा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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