पाकिस्तान में ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए ईसाई समुदाय के लोगों पर व्यापक हमला किया गया है. यह हमला पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में हुआ. जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की फैक्ट्री और घर जलाया गया. इस हमलों में आरोपित 33 संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. इस हिंसा में अभी तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस हमले और हिंसा के विरोध में ईसाई समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया.
इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कट्टरपंथियों ने शनिवार को लाहौर से 200 किमी दूर पंजाब के सरगोधा जिले की मुजाहिद कॉलोनी में ईसाई समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया. इन हमलावरों ने ईसाई समुदाय के लोगों की घरों और संपत्तियों को तहस-नहस करके आगजनी की.
इस दौरान ईसाई समुदाय के दो लोग घायल हो गए और दस पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए. पंजाब पुलिस के सोमवार को दिए बयान के अनुसार सरगोधा की हिंसा में अब तक 44 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें 33 लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. पुलिस की दर्ज की एफआईआर के अनुसार एक बुजुर्ग ईसाई नाजिर मसीह के निवास और जूता फैक्टरी के आसपास भीड़ इकट्ठा हो गई. भीड़ ने उन पर कुरान के अपमान का आरोप लगाया.
हिंसक भीड़ ने उनकी जूता फैक्टरी को आग लगा दी और आसपास की कुछ दुकानों और घरों को भी आग के हवाले कर दिया. उन्होंने मसीह को भी जला दिया लेकिन उसी बीच पुलिस बल आ गया और मसीह और उनके परिवार के अन्य दस सदस्यों की जान बचा ली गई. मसीह के परिवार ने कुरान के अपमान के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि भीड़ उनके परिवार पर जानलेवा हमला करना चाहती थी. हिंसक भीड़ ने पुलिस बल पर भी पत्थरबाजी की. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पाकिस्तान की पुलिस ने 450 लोगों के खिलाफ आतंकवाद समेत कई आरोप लगाए हैं.
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हिन्दुस्थान समाचार
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