मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि रूस के चार क्षेत्रों से अगर यूक्रेन अपने सैनिकों को हटाना शुरू करता है जिसे उसने वर्ष 2022 में अपनी सीमा में मिला लिया था और नाटो में शामिल नहीं होने का वादा करता है तो वे तत्काल संघर्ष विराम का आदेश देने के साथ और वार्ता शुरू करेंगे. लेकिन यूक्रेन ने पुतिन के इस प्रस्ताव को ‘‘बेतुका’’ करार दिया है.
रूसी राष्ट्रपति का बयान ऐसे समय आया है जब जी-7 के सदस्य देशों समेत कई वैश्विक नेता इटली में जुटे हैं और यूक्रेन में शांति कायम करने के प्रयासों के तहत स्विट्जरलैंड इस सप्ताहांत में कई वैश्विक नेताओं के सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है जिसमें रूस शामिल नहीं होगा. कीव के लिए पुतिन का प्रस्ताव अनुपयोगी ही लगता है क्योंकि वह नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होना चाहता है. वहीं, यूक्रेन ने यह मांग भी की है कि रूस उसके सभी क्षेत्रों से अपने सैनिक हटा ले.
पुतिन ने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्रालय में कहा, ‘‘हम ऐसा तुरंत कर देंगे.’’ पुतिन ने कहा कि उनके प्रस्ताव का उद्देश्य यूक्रेन में संघर्ष का ठोस समाधान निकालना है. उन्होंने कहा कि रूस बिना देरी किये बातचीत शुरू करने को तैयार है. रूसी राष्ट्रपति ने शांति के लिए जो व्यापक मांग पत्र तैयार किया है उसमें यूक्रेन का गैर-परमाणु देश का दर्जा, उसके सैन्य बलों पर पाबंदियां और यूक्रेन में रूसी भाषी लोगों के हितों की रक्षा करना शामिल हैं.
पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी शर्तें स्पष्ट रूप से रखी हैं लेकिन इसमें कोई नई मांग शामिल नहीं है. रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पहले भी कहा है कि कीव को अपने क्षेत्रीय फायदे नुकसान को समझना चाहिए एवं उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़ देनी चाहिए.
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने पुतिन की योजना को ‘‘बेतुका’’ करार देते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने, न्यायपूर्ण शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों को कमजोर करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्यों और सिद्धांतों के इर्द-गिर्द विश्व के अधिकांश देशों की एकता को विभाजित करने के लिए बनाई गई है.
हिन्दुस्थान समाचार
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