ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे छात्रों के विरोध प्रदर्शन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. राजधानी ढाका के रामपुरा-बड़ा इलाके में आज ताजा झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई. इससे पहले कल ढाका और अन्य जगहों पर हुई हिंसा में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ आंदोलन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है. देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है.
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण को खत्म किया जाए. अब तक हुई हिंसा में 2,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. अस्पताल सूत्रों के अनुसार अब्दुल गनी (45), रकीब (22) और रसेल की जान गई है. अब्दुल गनी और रकीब को आज दोपहर करीब दो बजे ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया. जांच के बाद ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने दोपहर 2:20 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके अलावा रामपुरा के फराजी अस्पताल में रसेल को मृत घोषित कर दिया गया. फराजी अस्पताल में करीब 200 घायल लोगों को भी पहुंचाया गया है.
छात्र आंदोलन के प्रमुख समन्वयकआसिफ महमूद ने कहा कि देशभर में पूर्ण नाकाबंदी जारी रहेगी. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के राजधानी में सभी प्रकार की सभाओं और जुलूसों पर प्रतिबंध के आदेश के बावजूद आंदोलनकारियों के समूह प्रदर्शन कर रहे हैं. आज सुबह 10 बजे राजधानी के रामपुरा और बड्डा इलाके में पुलिस के साथ इनकी झड़प हुई है. दोपहर तीन बजे से पहले इन दोनों स्थानों पर हेलिकॉप्टर गश्त करते दिखे. राजधानी के प्रेस क्लब, सेगुनबागीचा, शिल्पकला, विजयनगर और पुराना पलटन समेत आसपास के इलाकों में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं से पुलिस का टकराव हो रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की संयम बरतने की अपीलः संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बांग्लादेश सरकार से बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की अपील की है. उन्होंने कहा हिंसा कोई हल नहीं है.
आंदोलन की वजहः ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्धनायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं. सरकार की हठधर्मिता से कल गुरुवार को आंदोलन हिंसक हो गया.
शेख हसीना ने कहा, धैर्य रखेंः देश में जारी छात्र आंदोलन के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक धर्य रखें. उन्होंने भरोसा जताया है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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