Sanjauli Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली मस्जिद को लेकर विवाद घहराता जा रहा है. यहां हिंदू संगठनों के लोग सड़कों पर हैं और मस्जिद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस मस्जिद को अवैध रूप से बनवाया गया है. इस प्रदर्शन के चलते इलाके में धारा 163 लागू है, लेकिन धारा 163 लागू होने के बाद भी लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. यहां तक की प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस बेरिकेडिंग तोड़ दी.
इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए मस्जिदों के बाहर पहरा कड़ा कर दिया गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती है. दरअसल, इस पूरे मामले की शुरुआत शिमला के मल्याणा इलाके में विक्रम सिंह नामक 37 साल के युवक के साथ मारपीट से शुरू हुई. विक्रम सिंह से लगभग 6 लोगों ने मारपीट की. जिसके बाद वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए.
हिंदू संगठनों ने की मस्जिद को गिराने की मांग
अपने साथ हुई मारपीट को लेकर विक्रम ने थाने में केस दर्ज कराया और बताया कि मारपीट के बाद सभी आरोपी मस्जिद में छिप गए. इस बात की सूचना जब जब हिंदू संगठनों को हुई तो उन्होंने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इस मस्जिद को अवैध बताकर इसे गिराने की मांग करने लगे. वहीं विक्रम के साथ हुई इस मारपीट के मामले में पुलिस ने दो नाबालिग समेत गुलनवाज (32 साल), सारिक (20 साल), सैफ अली (23 साल), रोहित ( 23 साल) नाम के शख्स की गिरफ्तारी की है.
14 साल से चल रहा मस्जिद को लेकर विवाद
बता दें कि, इस मस्जिद को लेके विवाद 14 साल से चल रहा है. इसके अवैध निर्माण का जो मामला है वो 14 साल पूराना है. इतना ही नहीं शिमला नगर-निगम के कोर्ट में इससे संबंधित केस लंबित है. संजौली की इस मस्जिद का केस शिमला नगर निगम की अदालत में साल 2010 से चल रहा है. तब से लेकर अब तक प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की सरकारें रहीं, लेकिन कोई भी सरकार इस मामले को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिखाई दीं.
नगर निगम की लापरवाही की बातें भी कही जा रही हैं. नगर निगम की अदालत ने अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस दिए, लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिला मस्जिद बना दी गई. नगर निगम प्रशासन पर मस्जिद के अवैध निर्माण के बाद भी उसका बिजली और पानी का कनेक्शन न काटने का आरोप है. अदालत में मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान ने बताया था कि साल 2012 तक केवल दो मंजिला मस्जिद थी.
पांच अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई
अब हैरत की बात ये कि जब मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला अदालत में विचाराधीन है, तो उसका अवैध निर्माण कैसे किया गया. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में कहा कि यह पूरी मस्जिद ही अवैध है. यह हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है. बहरहाल आने वाली पांच अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई है.
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