पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए भारत के इस राज्य तुलना फिलिस्तीन से की. वहीं भारत ने पाकिस्तानी पीएम द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर जमकर लताड़ा है. साथ ही शहबाज शरीफ के कश्मीर पर दी गई स्पीच को हास्यास्पद बताया. दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित किया. इसी दौरान उनकी ओर से एक फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया गया.
पाकिस्तानी पीएम ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जैसे फिलीस्तीनी लबें समय से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वैसे ही जम्मू कश्मीर के लोगों को भी अपनी आजादी के लिए संघर्ष करना पड़ा. पाकिस्तानी पीएम कश्मीर ने धारा 370 को हटाने की आलोचना के साथ-साथ उसे वापस लेने की बात कही. शहबाज शरीफ ने भारत पर UNSC के प्रस्तावों को लागू करने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि कश्मीर पर जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए. शहबाज शरीफ ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत में इस्लामोफोबिया बढ़ा है.
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि भारत से इस्लामी विरासत को मिटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं भारत की ओर से UNGA में ‘जवाब देने के अधिकार’ के दौरान भारतीय डिप्लोमैट भाविका मंगलनंदन ने शहबाज शरीफ की कश्मीर पर दी गई स्पीच को हास्यास्पद कहा. उन्होंने पाकिस्तानी पीएम द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाने को लेकर उनकी आलोचना भी की. यूनाइटेड नेशन जर्नल असेंबली में पाकिस्तान के आरोपों के जवाब में भारतीय डिप्लोमैट भाविका मंगलनंदन ने कहा कि दुनिया भर पाकिस्तान की इमेज टेरिरिजम को बढ़ावा देने वाली है.
भाविका मंगलनंदन ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमापार से आतंकवाद को हथियार के रूप में अपने पड़ोसी के खिलाफ उपयोग किया जाता है. भाविका मंगलनंदन ने ये भी बताया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का उपयोग करके जम्मू-कश्मीर चुनाव में बाधा डालने का प्रयास किया है. बता दें कि ये पहली बार नहीं जब पाकिस्तान ने यूएन में कश्मीरा का मुद्दा उठाया हो. इससे पहले भी कई बार उसकी ओर से यूएन में कश्मीर मुद्दे को उठाया जा चुका है.
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