Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास (चिन्मय प्रभु) को ढाका पुलिस की जासूसी शाखा ने सोमवार (25 नवंबर) को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की जासूसी शाखा ने ढाका हवाई अड्डे से उनकी गिरफ्तारी की. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने उन्हें राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया है.
चिन्मय प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में शुक्रवार (22 नवंबर) को हिंसा प्रभावित देश के रंगपुर में एक विशाल विरोध रैली को संबोधित किया था. साधु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी बांग्लादेश में मंदिरों,घरों और व्यवसायों पर हमलों सहित हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बीच की गई है. उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास उन 18 लोगों में से एक थे जिन पर बांग्लादेश में भगवा झंडा फहराने पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.
दरअसल, छात्र आंदोलन के दौरान हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया था. बांग्लादेश के खुलना, मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को भी टारगेट किया था. साधु चिन्मय प्रभु ने इस्कॉन मंदिर पर हमले को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि चटगांव में तीन मंदिरों को खतरा है. हालांकि हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने साथ मिलकर अब तक मंदिरों को बचा रखा है.
बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं. बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के कारण बांग्लादेश जून से अशांत है.
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