Protest In Islamabad: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर हो रहे उग्र प्रदर्शन के बीच हालात बिगड़ने पर सरकार ने सेना से हस्तक्षेप करने को कहा है. इस्लामाबाद की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों का सैलाब उमड़ पड़ा. पुलिस के साथ झड़प में कम से कम चार पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप किया, तो उसने धारा 245 के तहत “देखते ही गोली मारने” के आदेश जारी किए. पाकिस्तान में स्थानीय मीडिया ने कथित तौर पर यह भी कहा कि सेना के आदेश में सैनिकों को “किसी को भी नहीं बख्शने” का निर्देश दिया गया है. पाकिस्तान में प्रदर्शनकारी पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारी पूरे पाकिस्तान से हजारों लाठियां, पत्थर और गुलेल लेकर इस्लामाबाद की सड़कों पर उतर आए. विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई के बाद यह हिंसक हो गया, जिसमें चार पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई और लगभग एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा कि यह शांतिपूर्ण विरोध नहीं है. यह उग्रवाद है.
उन्होंने दावा किया किया कि प्रदर्शन के दौरान जो लोग मारे गए उन्हें एक वाहन ने कुचल दिया था. इस्लामाबाद शनिवार से ही घेराबंदी में है. 20,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और सैनिकों की टुकड़ियां डंडों, बंदूकों, राइफलों, आंसू गैस के गोले और दंगा गियर के साथ यहां तैनात है. प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पीएम रहे इमरान खान जेल में हैं. उनको चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. उन पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से लेकर बर्बरता और आगजनी तक दर्जनों कानूनी मामले दर्ज किए गए हैं. यहां तक कि उन पर देशद्रोह और राजद्रोह का भी आरोप है.
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