नए साल से यूनिवर्सिटी और हायर स्टेडिज सेंटरों में एडमिशन लेने के लिए रूल्स बदल जाएंगे. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नए नियमों को लेकर घोषणा की है. नए नियम के अनुसार, अब यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षक संस्थानों में एक साल में दो बार दाखिला हो सकेगा. इसका मतलब है कि स्टूडेंट अब जुलाई/ अगस्त और जनवरी/फरवरी में दाखिला ले सकेंगे.
इतना ही नहीं नए नियमों के अनुसार, स्टूडेंट रेगुलर, लर्निंग और डिस्टेंस मोड में दो कोर्स पूरा कर सकेंगे. वहीं छात्रों को दोनों कोर्स कम या ज्यादा समय में पूरा करने का विकल्प भी दिया जाएगा. विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने कुल छात्र क्षमता के 10 प्रतिशत तक छात्रों को ईडीपी और एडीपी की अनुमति देंगे. एडीपी के तहत छात्र एक सेमेस्टर कम में कोर्स पूरा कर सकते हैं, जबकि ईडीपी के तहत छात्र दो सेमेस्टर बढ़ाकर कोर्स को पूरा करेंगे.
इसके अलावा, अगर स्टूडेंट एक ही सेशन में दो अलग-अलग यूजी और पीजी कोर्स कर रहे हैं, तो उनकी दोनों डिग्रियां मान्य मानी जाएंगी. वोकेशनल और स्किल कोर्स को भी डिग्री कोर्स के क्रेडिट में शामिल किया जाएगा. साथ ही, यदि किसी कोर्स में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट का प्रावधान है, तो छात्र किसी भी डिसिप्लिन से उस एंट्रेंस टेस्ट में बैठकर दाखिला ले सकेंगे. UGC ने इस ड्राफ्ट गाइडलाइन पर सभी संबंधित पक्षों से 23 दिसंबर 2024 तक अपनी प्रतिक्रिया देने का अनुरोध किया है.
यूजीसी चेयरमेन एम. जगदीश कुमार का कहना है कि छात्रों को सीखने के लिए और उन्हें विषयों को आजादी से चुनने के लिए बनाए गए हैं. इसके जरिए वो 12वीं के चुने गए सब्जेक्ट के बंधन से मुक्त हो जाएगा. उसे यूजी में अपने मन के विषय पसंद करने की अनुमति होगी. बर्शतें उसने नेशनल लेवल का एंटेंस एग्जाम पास किया हो.
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