अरसे से सवालों के घेरे में रहे पाकिस्तान की सैन्य अदालत को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने एकबार फिर सवाल उठाया है. एकदिन पहले सोमवार को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने इमरान खान के 25 समर्थकों को दो-दस साल की सजा सुनाई. इन्हें 2023 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए प्रदर्शनों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आरोपी बनाया गया था.
पाकिस्तान की सैन्य अदालत के सोमवार के फैसले को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वाशिंगटन इसे लेकर बहुत चिंतित है कि 9 मई 2023 को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए एक सैन्य कोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिकों को सजा सुनाई है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि, सैन्य अदालतों में नागरिकों पर मुकदमा चलाने में पारदर्शिता, स्वतंत्र जांच का अभाव है और यह निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को कमजोर करता है. इस फैसले पर यूरोपीय संघ का भी बयान सामने आया है.
यूरोपीय संघ ने कहा कि ये सजाएं नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय अनुबंध के तहत पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं से मेल नहीं खातीं हैं.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की अदियाला जेल में बंद इमरान खान के समर्थक 9 मई 2023 को उनकी गिरफ्तारी को लेकर उग्र हो गए थे. गिरफ्तारी का तीखा विरोध करते हुए उनके समर्थकों ने कई सैन्य प्रतिष्ठानों व वाहनों को निशाना बनाया था. इमरान खान की रिहाई को लेकर उनके समर्थक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से इमरान खान को कई मामलों में आरोपी बनाया गया है. इसके खिलाफ इमरान की पार्टी पीटीआई समर्थक लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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