2024 का साल का अलविदा होने को है. बस चंद दिनों के बाद ही नए साल का जश्न मनाया जाएगा. नये साल का हर कोई तहे दिल से स्वागत करने के लिए उत्सुक है लेकिन साल 2024 सियासी पिच पर कई मायनों में खास रहा है. इस साल में भारतीय राजनीतिक जगत में कई ऐसी घटनाएं घटी जो सुर्खियां बन गई. नीतीश कुमार के पलटी मारने से लेकर केजरीवाल की गिरफ्तारी और आतिशी के सीएम बनने तक कई ऐसी घटनाएं घटी. जिससे सियासी जगत में उथल-पुथल मची रही. आइए कुछ ही बड़ी और अहम राजनीतिक घटनाओं के बारे में जान लेते हैं.
1. नीतीश कुमार ने मारी पलटी, NDA का थामा दामन- जनवरी के आखिरी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर एक बार पलटी मारते हुए महागठबंधन से नाता तोड़ दिया. उन्होंने एनडीए का दामन थामते हुए सरकार बना ली. ऐसा पहली बार नहीं था कि नीतिश कुमार ने पाला बदला है. इससे पहले भी वो 3 बार पलटी मार चुके हैं. यह दिलचस्प बात है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन जाते हैं चाहे उनके सहयोगी की संख्या उनकी पार्टी के विधायकों से अधिक हो. बता दें यह वहीं नीतिश कुमार हैं जिन्होंने विपक्षी खेमे को एकजुट कर इंडी अलायंस बनाने में अहम योगदान दिया था लेकिन अब यह एनडीए के पार्टनर बन गए हैं.
2. राहुल गांधी ने निकाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा- कांग्रेस नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले सियासी जमीन तलाशने के लिए भारत जोड़ों न्याय यात्रा निकाली. यह यात्रा मणिपुर से लेकर मुंबई तक निकाली गई. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधो ने 66 दिनों पैदल चलकर 6,200 किलोमीटर की दूरी तय की. 14 जनवरी, 2024 को मणिपुर के थोउबल से शुरू हुई यात्रा 20 मार्च, 2024 को मुंबई में समाप्त हुई. इस दौरान मणिपुर , नागालैंड , असम , मेघालय , पश्चिम बंगाल , बिहार , झारखंड , ओडिशा , छत्तीसगढ़ , उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , राजस्थान और गुजरात से होकर गुजरेगी और अंत में महाराष्ट्र तक राहुल गांधी ने लोगों से मुलकात की.
3. बीजेपी के 400 पार नारे की निकली हवा- 18वीं लोकसभा के चुनाव में 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी बहुमत का आंकड़ा तक नहीं छू पाई. 4 जून को आए चुनाव परिणाम में बीजेपी को 240 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा. लेकिन गठबंधन सहयोगियों की बैसाखी के सहारे नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने. बता दें इससे पहले 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन इस बार बीजेपी अपने बलबूते पर सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई.
4. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी- मार्च 2024 का महीना आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत लेकर आया. दिल्ली शराब घोटाले मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. ऐसा पहली बार हुआ किसी सिटिंग सीएम को गिरफ्तार किया गया. केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन की जमानत दी थी.
5. केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी को कमान- केजरीवाल को सितंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कुछ अगम शर्ते भी लगाई. जैसे- वो किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर सकते, सीएम दफ्तर नहीं जा सकते आदि. इसके बाद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे दे दिया. विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम मुहर लगी और आतिशी ने दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
6. हेमंत सोरेन जमानत के बाद फिर बने सीएम- यह साल केजरीवाल के साथ ही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के लिए लिए उतार-चढ़ाव बढ़ा रहा. कथित भूमि घोटाले मामले को लेकर जनवरी में उन्हें जेल हुई. उनके बाद चंपाई सोरेन को सूबे की सत्ता संभालने के दी. लेकिन जुलाई में हेमंत सोरेन को जमानत मिली और उन्होंने तीसरी बार राज्य के सीएम पद की शपथ ली. जिसके बाद चंपाई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद नाराज चंपाई सोरेने ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से रिजाइन कर बीजेपी का दामन थाम लिया. लेकिन इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन चुनाव जीतकर दोबारा झारखंड के सीएम बने.
7. प्रियंका की सियासी पारी हुई शुरू- केरल के वायनाड से लोकसभा का उप-चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी सियासी पारी की शुरूआत की. प्रियंका इससे पहले कभी भी चुनाव नहीं लड़ी थी. उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी, मां सोनिया गांधी और पार्टी नेताओं के लिए प्रचार किया है लेकिन पहली बार वो चुनाव लड़कर और जीतकर संसद पहुंची है.
8. सिक्किम में विपक्ष खत्म- कहते हैं एक स्वस्थ लोकतंत्र के विपक्ष की भूमिका अहम होती है. विपक्ष सरकार के हर कामकाज और नीतियों पर नजर रखता है लेकिन कल्पना कीजिए विपक्ष ही ना हो तो. ऐसा ही सिक्कम में देखने को मिला है. सिक्किम में विपक्षी दल का एक भी विधायक नहीं है. सिक्किम विधानसभा की सभी सीटों पर सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक है. दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भी एसकेएम ने निर्विरोध जीत दर्ज की है.
9. ओडिशा में नवीन पटनायक की हार- ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ी उलटफेर हुआ. 24 सालों से राज्य की सियासत पर काबिज नवीन पटनायक के शासन का अंत हो गया. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने 78 सीटें जीतक पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई. वहीं नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल महज 51 सीटों पर ही सिमट गई.
10. राहुल की जीत, स्मृति की हार- 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी खुद इस बार चुनाव हार गई. उन्हें कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने रिकॉर्ड वोटों से शिकस्त दी. वहीं राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों सीट जीते लेकिन उन्होंने वायनाड सीट छोड़कर रायबरेली सीट चुनी. इस बार राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष की भूमिका में हैं.
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