Friday, June 27, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home Opinion

Opinion: डिजिटली भुगतान के फायदे और जोखिम 

यूपीआई का लागत मुक्त मॉडल ग्रामीण भारत तक पहुंच गया है. इसने छोटे विक्रेताओं, व्यवसायों और उद्यमियों को सशक्त बनाया है. स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारी और किराना स्टोर भी अब डिजिटली भुगतान स्वीकार करने के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं. यूपीआई ने पहले से बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी को औपचारिक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रभावी रूप से लाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

डॉ. सत्यवान सौरभ by डॉ. सत्यवान सौरभ
Jan 6, 2025, 11:46 am IST
डिजिटल पेमेंट (फोटो- सोशल मीडिया)

डिजिटल पेमेंट (फोटो- सोशल मीडिया)

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

देश में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उदय परिवर्तनकारी रहा है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई लेनदेन 11.5 बिलियन (( 26.9 लाख करोड़) से अधिक हो गया. दो थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स फोन-पे और गूगल-पे के बीच बाजार का संकेन्द्रण यूपीआई लेनदेन के 80 फीसद से अधिक को नियंत्रित करता है. यह चिंता का विषय है. निश्चिततौर पर यूपीआई के चलन ने डिजिटली भुगतान में क्रांति ला दी है. अगस्त 2024 में यूपीआई के माध्यम से 20.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ. यह भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसके व्यापक महत्व को दर्शाता है. इसकी खास बात यह है कि यूपीआई यूजर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ा. यही बात इसके पक्ष में जाती है.

यूपीआई का लागत मुक्त मॉडल ग्रामीण भारत तक पहुंच गया है. इसने छोटे विक्रेताओं, व्यवसायों और उद्यमियों को सशक्त बनाया है. स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारी और किराना स्टोर भी अब डिजिटली भुगतान स्वीकार करने के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं. यूपीआई ने पहले से बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी को औपचारिक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रभावी रूप से लाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लाखों ग्रामीण और वंचित भारतीय यूपीआई के माध्यम से महत्वपूर्ण डिजिटली वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम हुए हैं. यूपीआई ने सरकारी सेवाओं के साथ एकीकृत एक सुरक्षित, विश्वसनीय और सुविधाजनक प्लेटफार्म प्रदान करके निश्चिततौर पर महत्वपूर्ण काम किया है पर दो थर्ड पार्टी ऐप प्रदाताओं के बीच बाजार एकाग्रता महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है. कुछ खिलाड़ियों की उच्च बाजार एकाग्रता महत्वपूर्ण प्रणालीगत जोखिम पैदा करती है. उदाहरण के लिए अगर फोन-पे या गूगल-पे में अचानक कोई तकनीकी खराबी आ जाती है तो इससे 80 फीसदी तक यूपीआई लेनदेन बाधित हो सकता है. इससे राष्ट्रीय स्तर पर व्यवधान और घबराहट पैदा हो सकती है. दो प्रमुख खिलाड़ियों के वर्चस्व वाला बाजार स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में बाधा डालता है. यह नवाचार भुगतान सेवाओं के विकास को हतोत्साहित करता है. फोन-पे और गूगल-पे की बाजार में जबरदस्त मौजूदगी ने पेटीएम के छक्के छुड़ा दिए हैं.

विदेशी स्वामित्व वाले टीपीएपी का प्रभुत्व डेटा सुरक्षा, उपयोगकर्ता गोपनीयता और भारतीय नागरिकों की संवेदनशील वित्तीय जानकारी तक संभावित पिछले दरवाजे से पहुंच से संबंधित जोखिम पेश करता है. वॉलमार्ट द्वारा फोन-पे और गूगल द्वारा गूगल-पे का विदेशी स्वामित्व व्यक्तिगत वित्तीय डेटा की सुरक्षा और विदेशी संस्थाओं की अनाधिकृत पहुंच की संभावना पर चिंता बढ़ाता है. क्षेत्रीय भाषाओं या स्थानीय व्यावसायिक जरूरतों के लिए तैयार किए गए यूपीआई ऐप अकसर गूगल-पे और फोन-पे जैसे स्थापित बाजार नेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए संघर्ष करते हैं. पेटीएम और एक्सिस बैंक थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर के लिए बाजार हिस्सेदारी पर सीमा निर्धारित करने से बेहतर प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सकती है और प्रणालीगत जोखिम कम हो सकते हैं. फोन-पे और गूगल-पे की बाजार हिस्सेदारी को 30 फीसद तक सीमित करने के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के पहले के प्रयास बाजार प्रभुत्व को संतुलित कर सकते हैं. भारतीय स्वामित्व वाले पेटीएम और एक्सिस बैंक थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर का समर्थन करने से विदेशी खिलाड़ियों पर निर्भरता कम हो सकती है और नियामक निगरानी में सुधार हो सकता है. यूपीआई ऐप्स के लिए बैकअप सर्वर बनाने से आउटेज या तकनीकी कठिनाइयों के दौरान सेवा में रुकावट को रोका जा सकता है. छोटे खिलाड़ियों को अनुदान या सब्सिडी प्रदान करने से नए विचारों को बढ़ावा मिल सकता है और दी जाने वाली सेवाओं की सीमा बढ़ सकती है. सरकार के नेतृत्व वाली नवाचार चुनौतियां छोटे डेवलपर्स को नए भुगतान समाधान पेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं. मजबूत डेटा गोपनीयता कानून लागू करने से उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को संभावित दुरुपयोग से बचाया जा सकेगा.

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

हिन्दुस्थान समाचार  

ये भी पढ़ें- कनाडाई प्रधानमंत्री को भारत से पंगा लेना पड़ा महंगा, जस्टिन ट्रूडो आज दे सकते हैं पद से इस्तीफा

ये भी पढ़ें- चीन में कोहराम मचाने के बाद भारत में HMPV वायरस की एंट्री… बेंगलुरू में 8 महीने की बच्ची संक्रमित

Tags: NPCIDigital IndiaDigital PaymentUPI
ShareTweetSendShare

संबंधितसमाचार

Buddhh Purnima 2025
Opinion

Buddha Purnima 2025: महात्मा बुद्ध दया- करूणा और मानवता के पक्षधर

Operation Sindoor
Opinion

Opinion: ऑपरेशन सिंदूर- बदला हुआ भारत, बदला लेना जानता है

ऑपरेशन सिंदूर से आतंक पर प्रहार
Opinion

Opinion: ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला
Opinion

Opinion: पहलगाम में हिन्‍दुओं की पहचान कर मार दी गईं गोलियां, कौन-सा भारत बना रहे हम

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर संसद में हंगामा
Opinion

Opinion: मुस्लिम आरक्षण का खेल खेलती कांग्रेस

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (25 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (25 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (24 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (24 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (23 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (23 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (21 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (21 जून 2025)

Top News Of The Day: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर Special Bulletin (21 जून 2025)

Top News Of The Day: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर Special Bulletin (21 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (20 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (20 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (19 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (19 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (18 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (18 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (16 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (16 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (14 जून 2025)

Top News Of The Day: देश-दुनिया की बड़ी खबरें (14 जून 2025)

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.