नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मतदान प्रक्रिया को आधुनिक और मजबूत बनाने के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया और साथ ही देशभर में निष्पक्ष चुनाव कराने की आयोग की प्रतिबद्धता की सराहना की. चुनाव आयोग की स्थापना के दिन 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाया जाता है. प्रधानमंत्री ने इसका जिक्र करते हुए देशवासियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करने और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त करने की अपील की.
‘मन की बात’ का 118वां एपीसोड अगले सप्ताह गणतंत्र दिवस आयोजन के चलते अंतिम रविवार के स्थान पर आज तीसरे रविवार को प्रसारित किया गया. इस एपीसोड में प्रधानमंत्री ने कुंभ से लेकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों से श्रोताओं को अवगत कराया और देश में हो रहे पर्यावरण और समाज परिवर्तन के कार्यों की जानकारी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर संविधान सभा में चर्चाओं में भाग लेते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के ऑडियो क्लिप सुनाएं. इसमें डॉ. अंबेडकर ने संविधान सभा को एक मत होने, डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के मानवीय मूल्यों और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अवसरों की समानता पर अपनी बात रख रहे थे.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित ‘कुंभ’, दक्षिण की नदियों के तटों पर आयोजित होने वाले ‘पुष्करम’ और पश्चिम बंगाल के ‘गंगा सागर मेले’ के सुंदर आयोजनों और विहंगम दृश्यों को मन की बात का हिस्सा बनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पर्व भारत के लोगों को भारत की परंपराओं से जोड़ते हैं. उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं कोई भेदभाव या जातिवाद नहीं है, तभी तो कुंभ को एकता का ‘महाकुंभ’ कहा जाता है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उत्तर भारत में प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है. इसी प्रकार दक्षिण में गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर ‘पुष्करम’ का आयोजन होता है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘गंगा सागर मेले’ में संक्रांति के अवसर पर पूरी दुनिया से आए लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई.
वर्ष-2025 में भारत की अंतरिक्ष में ऐतिहासिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पर हम सभी भारतीयों को गर्व करना चाहिए. उन्होंने इस दौरान भारतीय स्पेस टैक स्टार्टअप बेंगलुरु के पिक्सेल के बारे में बताया जिसने भारत का पहला निजी सैटेलाइट कांस्टेलेशन फायरफ्लाई सफलतापूर्वक पर लॉन्च किया है. उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्पेस डॉकिंग की उपलब्धि का जिक्र किया. वहीं, उन्होंने बताया कि आईआईटी मद्रास का ‘एक्सटेम’केंद्र अंतरिक्ष में मैन्युफैक्चरिंग के लिए कई नई तकनीक का पर काम कर रहा है.
‘मन की बात’ में इस बार भी प्रधानमंत्री ने पर्यावरण की दृष्टि से देशभर में हो रहे सराहनीय कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि असम के ‘नौगांव’ में हाथियों से जुड़ी कई घटनाएं होती थी. इसको देखते हुए गांव वालों ने ‘हाथी बंधु’ नाम से एक टीम बनाई और करीब 800 बीघा बंजर भूमि को घास युक्त किया। इसके चलते हाथियों का आबादी और खेतों में जाना काम हो गया. साथ ही उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि पिछले दो महीनों में भारत ने दो नए टाइगर रिजर्व जोड़े हैं- छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला और मध्य प्रदेश में रातापानी.
प्रधानमंत्री ने ‘टायर टू’ और ‘टायर थ्री’ शहरों में लगातार बढ़ते स्टार्टअप्स कल्चर की सराहना की. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में स्टार्टअप इंडिया के 9 साल पूरे हुए हैं। यह हर हिन्दुस्तानी के लिए खुशी का विषय है. अंबाला, हिसार, कांगड़ा, चैंगलपट्टू, बिलासपुर, ग्वालियर और वाशिम जैसे शहरों में स्टार्टअप के केंद्र बन रहे हैं. नागालैंड राज्य में भी पिछले साल स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन में 200 से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
समाज सेवा से जुड़े हुए कार्यों को प्रधानमंत्री अक्सर ‘मन की बात’ में स्थान देते हैं. इसी क्रम में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में दीपक नाबाम की कोशिश का उल्लेख किया. नाबाम ने वंचित, हिंसा पीड़ित, बेसहारा और नशे की लत के शिकार लोगों को की देखभाल के लिए एक संस्था बनाई है. वे ‘लिविंग होम’ चलाते हैं, जहां पर बीमार और असमर्थ बुजुर्गों की सेवा की जाती है. उन्होंने लक्षद्वीप के करवत्ती द्वीप में हिडुम्बी नर्स के कार्यों की प्रशंसा की. वे सेवानिवत्त होने के बाद भी पिछले 18 वर्षों तक अपने करुणा और स्नेह से लोगों की सेवा में जुटी हैं. लक्षद्वीप के ही केजी मोहम्मद के मिनीकॉय द्वीप में मरीन इकोसिस्टम को मजबूत करने के कार्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की. निकोबार जिले में ‘वर्जिन कोकोनेट’ ऑयल को हाल ही में जी टैग मिलने पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके उत्पादन से जुड़ी आदिवासी महिलाओं को संगठित कर सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए जा रहे हैं और उन्हें मार्केटिंग और ब्रांडिंग की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। इस दिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में उनके पराक्रम से जुड़ी हुई एक कहानी का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू एक विजनरी नेता थे, उनके स्वभाव में साहस रचा बसा था और वह कुशल प्रशासन भी थे.
हिन्दुस्थान समाचार
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