तीर्थ नगरी प्रयागराज में चले रहे आस्था के महाकुंभ में चौथे सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया. इस दौरान संतों ने सनातन बोर्ड के गठन की अपनी मांग को जोर-शोर से उठाया. धर्म संसद में आए हुए सभी धर्माचार्यों ने एक मत होकर सनातन धर्म रक्षा के लिए सनातन बोर्ड को सनातन के लिए आवश्यक बताया और कहा कि सनातन बोर्ड समय की मांग है. यह मंदिरों को सरकार के कब्जे से मुक्त कराएगा.
27 जनवरी को धर्म संसद में बोर्ड अधिनियम का प्रस्ताव भी पारित किया गया. इसके अनुसार, इस कानून को सनातन हिंदू बोर्ड अधिनियम कहा जाएगा और केंद्र सरकार इसे संसद से पास कराएगी. संतों का कहना है कि सनातन हिंदू बोर्ड एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा. जिसका काम हिंदू मंदिरों, उनकी संपत्तियों और धन की देख-रेख करना होगा. साथ ही यह बोर्ड वैदिक सनातन पूजा पद्धति, धार्मिक परंपरा और हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
बोर्ड में कौन होगा शामिल?
सनातन बोर्ड में कुल 11 सदस्य होंगे. देश के चारों शंकराचार्यों की संरक्षण में सनातन बोर्ड का गठन किया जाएगा.चारों प्रमुख जगद्गुरू, तीन सनातनी अखाड़ों के प्रमुख, संरक्षक मंडल द्वारा नामित एक सदस्य, वहीं तीन सदस्य प्रमुख संत/ धर्माचार्य या कथवाचक होंगे. सनातन बोर्ड का एक सहयोगी मंडल भी होगा. इसमें भी 11 सदस्य होंगे. बड़े हिन्दू सगंठनों को प्रतिनिधि, प्रमुख कथाकार, मंदिरों और गौशालाओं से जुड़े लोग इसके सदस्य होंगे.
इसके अलावा सनातन बोर्ड का एक सलाहकार मंडल भी होगा. जो बोर्ड को सलाह देने का काम करेगा. इसमें इसमें सेवानिवृत न्यायधीश, रिटायर्ड आईएएस,मीडिया क्षेत्र का सनातनी, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे.
क्या काम करेगा सनातन बोर्ड?
- सनातन बोर्ड देश के सारे मंदिरों की संपत्ति का ब्यौरा रखेगा.
- बड़े मंदिर के माध्यम से एक अस्पताल का संचालन किया जाएगा.
- धर्म परिवर्तन रोकने के लिए गरीब हिन्दुओं को आर्थिक मदद की जाएगी.
- वहीं छोटे मंदिरों को भी सनातन बोर्ड आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगा.
- सनातन बोर्ड ही मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति करेगा.
- मंदिर की संपत्ति पर अवैध कब्जा रोकने के लिए DM को तत्काल कार्रवाई के लिए कहेगा.
- सनातन बोर्ड की देखरेख में ही मंदिरों में प्रसाद प्रबंधन का कार्य होगा.
- वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की गई भूमि की मुक्ति का प्रयास किया जाएगा.
- सनातन बोर्ड सनातन विरोधी प्रकरणों पर कानून कदम उठाएगा
- मंदिर प्रशासन में केवल हिन्दुओं को कार्य करने की अनुमति होगी.
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मुझे बोर्ड का अध्यक्ष नहीं बनाना है, मैं तो सनातन धर्म की रक्षा के लिए इसकी मांग कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि धर्म संसद में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर पर अति क्रमण हटाने, वैदिक परम्परा को आगे बढ़ाने,गौशाला, पाठशाला का अधिकाधिक निर्माण करने,धर्मांतरण रोकने, पूर्ण शाकाहारी बने , लव जिहाद रोकने की भी मांग प्रमुख है.
धर्म संसद को संबोधित करते हुए जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य महाराज ने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड सरकारी नहीं होना चाहिए. इसके सदस्य सनातनी आचार्य हो, नियंत्रण, संवर्धन हो. विधर्मी को पाकिस्तान चले जाना चाहिए. यह संपूर्ण धरती सनातनियों की ही है.
चिन्मयानंद बापू महाराज ने कहा कि सनातन बोर्ड की पीड़ा सभी के दिल में है. अब आवश्यकता है सनातन बोर्ड की. पाकिस्तान भागने वालों ने अपनी जमीन एक साजिश के तहत वक्फ़ बोर्ड में दे दिया है. सनातन की बात पर हम सब भुलाकर एक साथ खड़े होते हैं.
जगद्गुरु रामाननंदाचार्य स्वामी बल्लभ दास ने कहा कि हमें सनातन बोर्ड की स्थापना और वक्फ़ बोर्ड का विसर्जन चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत का प्रत्येक कोना हमारा था और हमारा ही रहेगा.
जगद्गुरु रामानुजाचार्य, स्वामी वासुदेवाचार्य और विद्या भास्कर जी महाराज ने कहा कि सारा विश्व ही हमारा है. जब राम जी अयोध्या में प्रतिष्ठित हो गए तो अब उनका वचन भी प्रतिष्ठित होगा. सारी पृथ्वी राजा दशरथ और भगवान राम की ही थी। जब आप इतिहास में जाएंगे तब तो अपना भूगोल बचा पाएंगे. सनातन शास्त्र की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए। सनातन बोर्ड तो भगवान का है. सनातन बोर्ड ही आदेश देगा दिल्ली को कि भारत हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए. राम जन्मभूमि हमें न्यायालय ने दिया. उन्होंने कहा कि संभल, मथुरा, विश्वनाथ तीनों लेंगे एक साथ. सनातन बोर्ड को सारे अधिकार होंगे अपने मंदिरों को वापस ले लेने का, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है. सनातन धर्म जब तब बचा है तभी तक समस्त प्राणी बचा है.
जगद्गुरु निंबार्काचार्य श्याम शरण देवाचार्य श्रीजी महाराज ने कहा कि यह धर्म संसद तय करेगा कि हम सभी का आने वाला भविष्य कैसा होगा. सनातन बोर्ड आज संतों के लिए परम आवश्यक है। एक बोर्ड होना चाहिए जो सनातनियों की रक्षा कर सके. उन्होंने देवकीनंदन ठाकुर जी को क्रांति दूत की उपाधि दिया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सनातन बोर्ड का गठन अवश्य होगा, अवश्य होगा. उन्होंने कहा कि जब हमारी विचार धारा की सरकार नहीं होगी तब इसकी आवश्यकता अधिक है.
इस्कॉन के गौरांग ने कहा हम धर्म की स्थापना के लिए पूरे विश्व में गीता बांट रहे हैं. साध्वी सरस्वती ने कहा कि हमें एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में भाला चाहिए. हमें विवाह में लड़कियों को तलवार भी भेंट करना चाहिए. इस अवसर पर कई संतों ने समारोह को संबंधित किया.
इस अवसर पर निंबार्काचार्य श्याम शरण देवाचार्य श्री जी, देवकीनंदन ठाकुर जी , राघवाचार्य महाराज, मैथिल शंख पीठ धनुष, साध्वी सरस्वती , जगद्गुरु ने बल्लभा चार्य, कृष्ण देवानंद महाराज, संतोषानंद महाराज, अमर नाथ, दीपक दास, त्रिलोचन दास, साघ्वी प्राची, देवेंद्रानंद गिरी , रवि शंकर महाराज ,प्रयाग घनश्यामचर्य , चिन्मयानंद बापू, महामंडलेश्वर स्वामी नवल किशोर दास, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज , राजनारायणाचार्य महाराज , इस्कॉन के गौरांग सहित सैकड़ों की संख्या में संत धर्माचार्य के साथ हजारों की संख्या में भक्त उपस्थित रहे..
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