Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहते हैं क्योंकि यह माघ महीने में आती है. सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में लोग आस्था की डुबकी लगाकर देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं. साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करते हैं. मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं.
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य राकेश तिवारी के अनुसार, मानें तो मौनी अमावस्या पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं. इन योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी. साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी. आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्तवैदिक पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की शुरुआत 28 को जनवरी को होगी. वहीं, समापन 29 जनवरी को होगा. सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है. अतः 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. मौनी अमावस्या का प्रारंभ 28 को जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 35 मिनट पर होगा और समापन 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर होगा. साधक 29 जनवरी के दिन सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं.
श्रवण नक्षत्रज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है. इस योग में गंगा स्नान करने से महापुण्य फल मिलता है. इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 20 मिनट से हो रहा है. इससे पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग है. ज्योतिष श्रवण नक्षत्र को स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप एवं दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ मानते हैं. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलता है.
शिववास योगमौनी अमावस्या पर शिववास योग का भी संयोग है. मौनी अमावस्या के दिन देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ शाम 06 बजकर 05 मिनट तक रहेंगे. इस समय में शिव-शक्ति जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी. साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे.
सिद्धि योगमौनी अमावस्या पर सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है. मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग रात 09 बजकर 22 मिनट तक है. साथ ही मौनी अमावस्या पर श्रवण एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग है. इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी. साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे.
पंचांगसूर्योदय – सुबह 07 बजकर 11 मिनट परसूर्यास्त – शाम 05 बजकर 58 मिनट परब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तकविजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 05 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 55 मिनट से 06 बजकर 22 मिनट तकनिशिता मुहूर्त – देर रात 12 बजकर 08 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक
हिन्दुस्थान समाचार
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