Maha Kumbh Stampede: संगम नोज के पास अचानक भीड़ का रेला पहुंचने से भगदड़ मची और इतना बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे का शिकार ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और वृद्ध हुए हैं. कुछ लोग घायलों की संख्या 200 से अधिक बता रहे हैं. वैसे इस हादसे पर ‘जितने मुंह उतनी बातें’ हैं. भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शी मध्य प्रदेश के छतरपुर के जय प्रकाश सोनी ने बताया कि वह अपनी मां शीला सोनी (65) और पिता बाबू सोनी समेत छह लोगों के साथ संगम पर स्नान करके वापस लौट रहे थे. सामने के दूसरे रास्ते से अचानक भीड़ का रेला आया और भगदड़ मच गई. इससे मां गिर कर दब गई. वह किसी तरह तीन बच्चों पलक, दीपा और हर्ष को बचाने में कामयाब हो गए. सोनी ने कहा कि भीड़ इतनी अधिक थी कि वह मां को जमीन से नहीं उठा पाया. उसकी आखों के सामने मां भगवान को प्यारी हो गई. वहां से उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.
मध्य प्रदेश के छतरपुर के बड़े सोनवाड़ा के रहने वाले रघुवीर सिंह लोध ने बताया कि वह 13 लोग स्नान करने संगम जा रहे थे. अचानक भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में उनके तीन साथी बिछुड़ गए. रतन लोधी और जारा सिंह हल्ली जरूर अस्पताल में मिल गए हैं.
असम की 63 वर्षीय नीति पाल भी इस भगदड़ का शिकार हुई हैं. उन समेत परिवार के पांच सदस्य संगम पर थे. गम में डूबे परिवार के बाकी सदस्यों ने कहा कि अचानक संगम नोज पर भीड़ बढ़ गई. लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. इस दौरान नीति भी रेत में गिर गईं. भीड़ उन्हें रौंदते हुए आगे बढ़ती रही. उन्हें किसी तरह बचाकर अस्पताल लाया गया. वहां और कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. डॉक्टरों ने सादे कागज में नाम व पता लिखकर दिया है.
कर्नाटक के बड़गांवी गांव के कुछ लोगों ने बताया कि वह लोग दो बसों से संगम स्नान करने के लिए आए हैं. उनके साथ के पांच लोग गायब हैं. उन्होंने कहा कि भगदड़ में घायल लोगों को उपचार करने के लिए महाकुंभ केंद्रीय कार्यालय लाया गया है. इसलिए वह लोग यहां आए हैं. लेकिन चिकित्सक कुछ भी नहीं बता रहे हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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