रायसेन. केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज यहां जो कार्यक्रम हो रहा है, यह केवल रायसेन और प्रदेश का कार्यक्रम नहीं है. यह पूरे देश का कार्यक्रम है. आज रायसेन से पूरे भारत में 26 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में शहरी भूमि सर्वेक्षण ‘नक्शा‘ पायलट कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. शहरी क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वे होगा और नक्शा बनाकर भूमि स्वामी को दिया जाएगा. नक्शा नहीं होने से कई परेशानियां होती हैं. अब नागरिकों के पास उनकी जमीन का व्यवस्थित रिकार्ड होगा. यह एक क्रांति है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई है.
केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान ने यह विचार मंगलवार को रायसेन स्थित दशहरा मैदान में आयोजित शहरी भूमि सर्वेक्षण ‘नक्शा‘ पायलट कार्यक्रम का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए. समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ड्रोन उड़ाकर सिटी सर्वेक्षण प्रोग्राम का शुभारंभ किया.
केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि आज पूरे मध्य प्रदेश में वॉटरशेड शुरू कर रहे हैं. जल जीवन का आधार है और जल, जमीन से ही हमारी जिंदगी है. लेकिन आज भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. जो कुएं जो कभी 30 फिट, 50 फिट पर पानी रहता था आज 100 फिट से नीचे चला गया है. इस पानी को रोकने के लिए यह वाटरशेड योजना शुरू की है. जिसमें खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में रोकने के लिए चेक डेम, स्टॉप डेम, बोरी बंधान सहित कई जल संरचनाएं बनेंगी, जिसके लिए आठ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. जो पंचायत अच्छा काम करेंगी, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा. यह प्रधानमंत्री मोदी का विजन है. पानी बचाना जरूरी है. उन्होंने सभी नागरिकों से आव्हान करते हुए कहा कि इस वॉटरशेड अभियान में सहभागी बनें, अपना योगदान दें.
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए जनता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस परियोजना से रायसेन, विदिशा सहित अन्य जिलों को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जहां आवश्यकता होगी वहां जल संरचनाएं बनाकर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने लाड़ली बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि अब लाड़ली बहनों को लखपति बहना बनना है. स्व-सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनना है. उन्होंने कहा कि गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद तक पहुंचाया जा रहा हैं, मप्र में 11 लाख प्रधानमंत्री आवास बन रहे हैं. आवास प्लस में छूटे हुए पात्र लोगों के नाम जोड़ने का काम किया जा रहा है. अभी फिर से आवास का सर्वे किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि रायसेन की धरती से राष्ट्रीय स्तर पर शहरी बस्तियों के भूमि सर्वेक्षण (नक्शा) नामक पायलट कार्यक्रम शुरू किया गया है. सरकार की यह पहल शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को सशक्त बनाएगी, जीवन को आसान बनाएगी, शहरी नियोजन को बढ़ाएगी और भूमि संबंधी विवादों को कम करेगी. उन्होंने कहा कि भूमि सबसे मूल्यवान सम्पत्ति होती है, इसलिए सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता के लिए सटीक और पारदर्शी रिकार्ड होना जरूरी है. इस नक्शा कार्यक्रम से शहरी क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराकर भूमि अभिलेखों का निर्माण और आधुनिकीकरण किया जाएगा. जिससे कि भूमि स्वामित्व की पारदर्शिता, दक्षता सुनिश्चित होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है. प्रधानमंत्री जनकल्याण और विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना शुरू की है. हर भूखण्ड को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की दिशा में प्रमुखता से काम किया जा रहा है. किसान भाइयों को पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी मिलने से उत्पादकता में वृद्धि होती है, हमारे किसान भाइयों की आय बढ़ रही है. इस वर्ष 2600 रुपये क्विंटल के मान से किसानों से गेहूं उपार्जित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं. नवीन कारखाने स्थापित हों, युवाओं को रोजगार मिले यह काम हमारी सरकार कर रही है. प्रदेश में दूध उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. दस से अधिक गाय का पालन करने वाले गौपालकों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा हमारी माताओं-बहनों को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर उनको आत्मनिर्भर बनाने का काम सरकार कर रही है. हमारा मध्य प्रदेश हरित प्रदेश है. वर्ष 2003-04 के बाद प्रदेश में लगातार सिंचाई रकबे में वृद्धि होने से कृषि उत्पादकता में वृद्ध हुई है. वर्ष 2003 के पहले जहां प्रदेश में सात लाख हैक्टेयर सिंचित क्षेत्र था, वहीं आज प्रदेश में लगभग 45 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र सिंचित हैं.
कार्यक्रम में केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा संचार राज्यमंत्री डॉ चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि देश की प्रगति स्पष्टता से शुरू होती है. विजन में स्पष्टता, गर्वनेन्स में स्पष्टता और भूमि स्वामित्व में भी स्पष्टता. शहरी क्षेत्रों में भूमि स्वामित्व में स्पष्टता नहीं होने से विकास बाधित हुआ. व्यापार को आर्थिक बाधाएं दीं, परिवारों में झगड़ें पैदा किए, सालों तक अतिक्रमण बढ़ गए और विकास के प्रोजेक्ट रूके रह गए. यह सिर्फ शासन की समस्या नहीं करोड़ों लोगों के सपनों और आशाओं में बाधक है. आज ऐतिहासिक कदम ले रहे हैं! नक्शा केवल योजना नहीं, यह शहरी भारत के लिए परिवर्तन है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान के नेतृत्व में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है कि हर शहर, हर कॉलोनी और हर घर को सुरक्षित और पारदर्शी भूमि स्वामित्व मिले. नक्शा योजना में आधुनिक तकनीक के साथ में शहर सुरक्षित और व्यवस्थित होंगे. ड्रोन सर्वे के माध्यम से नक्शा बनाया जाएगा और हर रहवासी को उसकी भूमि के स्वामित्व का व्यवस्थित नक्शा और दस्तावेज मिलेगा. नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा कि उनका घर, दुकान, भूमि सुरक्षित है. कार्यक्रम में विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी ने भी संबोधित किया. केन्द्रीय सचिव भूमि संसाधन मनोज जोशी द्वारा ‘‘नक्शा‘‘ कार्यक्रम के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया. कार्यक्रम के अंत में जिले के प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार द्वारा आभार व्यक्त किया गया.
मुख्यमंत्री डॉ यादव, केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान तथा केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा संचार राज्यमंत्री डॉ चन्द्रशेखर पेम्मासानी द्वारा नक्शा पायलट कार्यक्रम के तहत मानक संचालक प्रक्रिया एसओपी पुस्तिका एवं नक्शा फ्लायर का विमोचन किया गया. साथ ही नक्शा कार्यक्रम और वाटरशेड कार्यक्रम का वीडियो का भी विमोचन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय मंत्री द्वारा प्रबुद्धजनों से संवाद भी किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा संचार राज्यमंत्री द्वारा हरी झण्डी दिखाकर वाटरशेड यात्रा का मध्य प्रदेश में शुभारंभ किया गया. प्रदेश के 36 ज़िलों, 1268 गांवों और 73 ब्लॉक में मिट्टी-जल संरक्षण और वाटरशेड संरचनाओं के विकास के प्रति आम जन को जागरुक किया जाएगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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