Mark Carney: कनाडा मार्क कार्नी को नया प्रधानमंत्री चुन लिया है. वो अब कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडों की जगह लेंगे. 3 प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ आसानी से नेतृत्व की दौड़ जीतने वाले मार्क कार्नी अगले आम चुनाव में लिबरल पार्टी की ओर से चुनाव लड़ेंगे. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों को लेकर लगातार दबाव बना रहा है.
पहले ही बयान में ट्रंप पर बरसे कार्नी
हालांकि कुछ वक्त पहले ही ट्रंप ने टैरिफ डेडलाइन को 4 अप्रैल तक बढ़ा दी है मगर कनाडा इसे लेकर लगातार ट्रंप सरकार की आलोचना कर रहा है. पीएम चुने जाने के बाद खुद मार्क कार्नी की तरफ से भी जमकर फटकार भी लगाई है. कार्नी ने कहा कि वो अपनी नीतियों से अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने जो बनाते हैं और बेचते हैं, उन सभी पर टैरिफ लगाई हैं जो की अनुचित हैं. साथ ही आगे कहा कि हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे.
मार्क कार्नी के लिए बड़ी जीत
पूर्व केंद्रीय बैंक गवर्नर कार्नी ने रविवार को लिबरल पार्टी का नेता चुनने के लिए हुए मतदान में 85.9 प्रतिशत वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की. उन्होंने तीन मजबूत प्रतिद्वंद्वियों पूर्व कैबिनेट मंत्री करीना गोल्ड, पूर्व वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और पूर्व लिबरल सांसद फ्रैंक बेलिस को आसानी से हराया.
कौन हैं मार्क कार्नी?
1965 में नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज के फोर्ट स्मिथ में जन्मे कार्नी ने हार्वर्ड में अपनी पढ़ाई की. वे ब्रिटेन और कनाडा के केंद्रीय बैंकों के प्रमुख रह चुके हैं. बैंक ऑफ कनाडा के चीफ रहे कार्नी ने अपने कार्यकाल में वित्तीय संकटों का सामना किया. 2008 के वित्तीय संकट से कनाडा कई अन्य देशों की तुलना में तेजी से उबरा था. 2013 में वे बैंक ऑफ इंग्लैंड के प्रमुख बने.
हालांकि मार्क कार्नी ने कभी कोई निर्वाचित पद नहीं संभाला और वे संसद के सदस्य भी नहीं हैं. अमेरिका के साथ बढ़ते टकराव को देखते हुए आगामी चुनाव में यह मुद्दा सबसे मजबूत होकर उभरेगा कि अमेरिका से मिल रही चुनौतियों और उसके साथ संबंधों को संभालने वाला बेहतर चेहरा कौन होगा. कनाडा में बढ़ती राष्ट्रवादी लहर ने आगामी संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी की संभावनाएं बढ़ा दी हैं.
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