Thursday, May 15, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home Nation

देश में होली का खुमारी… कृष्ण की नगरी मथुरा से लेकर बिहार तक ऐसे मनाई जा रहा है रंगो का पर्व

मथुरा के बरसाना- नंदगांव में लट्ठमार होली में स्त्रियां (हुरियारिनें) अपने हाथों में मजबूत लाठियां (लट्ठ) लेकर पुरुषों (हुरियारों) को हंसी-ठिठोली भरे अंदाज में पीटती हैं और पुरुष अपनी ढालों से बचाव करते हैं,लेकिन यह खेल सिर्फ प्रतीकात्मक होता है, जिसमें प्रेम और हंसी-मजाक की धाराएं बहती हैं.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Mar 14, 2025, 07:00 am IST
होली पर देशभर में धूम

होली के पर्व की देशभर में धूम (फोटो-सोशल मीडिया)

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

रंगों का त्यौहार होली पूरे देश में पूरे उत्साह औऱ उमंग के मनाया जा रहा है. जहां देखों वहां होली पर आनंद करते लोग नजर आ रहे हैं. होली के गानों पर थिरक रहे हैं और एक-दूसरे रंग और गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दे रहे हैं. भारतवासी पूरी तरह से होली के रंग में रंगे हुए हैं. घर-घर में गुंजियां, दही-बल्ले और विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं.

इसे पूरे देश में अलग-अलग तरीकों और नामों से मनाया जाता है. हालांकि, परिवार और दोस्तों के साथ त्यौहार मनाने का उत्साह और आनंद हर जगह एक जैसा ही रहता है.

आइए जानें देशभर में कहां-कहां कैसे मनाते हैं होली  

1. उत्तर प्रदेश में अकेले 3 तरीके से मनाई जाती है होली- बरसाना- नंदगांव, मथुरा-वृंदावन और काशी. भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में होली का उत्सव किसी चमत्कारी लोककथा से कम नहीं है. बरसाना,वृंदावन और नंदगांव की होली के अलग-अलग रंग,अलग-अलग रस हैं, लेकिन इनमें सबसे अनूठी लट्ठमार होली होती है.

बरसाना- नंदगांव

मथुरा के बरसाना- नंदगांव में लट्ठमार होली में स्त्रियां (हुरियारिनें) अपने हाथों में मजबूत लाठियां (लट्ठ) लेकर पुरुषों (हुरियारों) को हंसी-ठिठोली भरे अंदाज में पीटती हैं और पुरुष अपनी ढालों से बचाव करते हैं,लेकिन यह खेल सिर्फ प्रतीकात्मक होता है, जिसमें प्रेम और हंसी-मजाक की धाराएं बहती हैं.

मान्यता है कि होली वाले दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ बरसाना गए थे, जहां उन्होंने राधा जी और उनकी सखियों को छेड़ा. इस पर राधा जी और गोपियों ने लाठियां उठाकर कृष्ण और ग्वालों को पीटना शुरू कर दिया.

मथुरा-वृंदावन

मथुरा- वृंदावन में होली की धूम 16 दिनों तक छाई रहती है. जिसमें उनका प्रेम झलकता है. आपके बता दें कि कृष्ण- राधा रानी के गोरे वर्ण और अपने काले वर्ण के कारण माता यशोदा से किया करते थे. एक बार उन्हें बहलाने के लिए माता यशोदा ने राधा के गालों पर रंग लगा दिया. तब से इस क्षेत्र में रंग और गुलाल लगाकर लोग एक-दूसरे से स्नेह बांटते हैं.

काशी में चिता भस्म की होली

शिव की नगरी काशी में ‘राख की होली’ खेली जाती है. इसे ‘मसान होली’,’भस्म होली’ और ‘भभूत होली’ जैसे नाम से भी जाना जाता है. श्मशान घाट पर राख से होली खेलने की परंपरा वाराणसी में सदियों से चली आ रही है.

हिमाचल प्रदेश में ऐसी मनाई जाती है होली

हिमाचल के किन्नौर जिले के सांगला वैली में एक अनोखी होली मनाई जाती है. यहां होली एक दिन का पर्व नहीं बल्कि 4 दिनों तक मनाई जाती है. यहां की होली अपनी समृद्ध लोक संस्कृति के कारण बेहद प्रसिद्ध है.

इस दौरान लोग यहां एक-दूसरे को सिर्फ रंग-गुलाल में ही नहीं रंगते हैं बल्कि रंग-बिरंगी वेशभूषा में तैयार होकर नाटिकाओं का मंचन भी करते हैं. होली के समय पूरे सांगला वाली समूह बनाकर बैरिंगनाग मंदिर के प्रांगण में इकट्ठा होते हैं. इसके बाद रामायण से लेकर महाभारत तक के चरित्र में तैयार होकर आए कलाकार उन नाटकों को प्रस्तुत करते हैं. होली पर्व के तीसरे दिन ग्रामीण गांव में होली खेलकर देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण पर वापस आते हैं.

राजस्थान

होली के अवसर पर राजस्थान के विभिन्न शहरों में कई तरह के आयोजन किए जाते हैं. राजस्थान में होली के विविध रंग देखने में आते हैं. होली के दिनों में जयपुर के इष्टदेव गोविंद देव मंदिर में नजारा देखने लायक होता है. राजस्थान के मंदिरों में होली पर रंग-गुलाल के साथ फाग उत्सव का आयोजन किया जाता है.

बीकानेर, बाड़मेर और अजमेर की होली

बीकानेर में होली सबसे आकर्षण का केन्द्र होता है. पुष्करणा समाज के हर्ष और व्यास जाति के बीच खेला जाने वाला डोलची. यह एक पानी का खेल डोलची, चमड़े से बना एक ऐसा पात्र है जिसमें पानी भरा जाता है और जोरदार प्रहार के साथ सामने बाले की पीठ पर इस पानी को मारा जाता है. बाड़मेर में पत्थर मार होली खेली जाती है तो अजमेर में कोड़ा तथा सांतमार होली लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं.

डूंगरपुर में अंगारों पर नंगे पावं चलने की परंपरा

राज्य के डूंगरपुर जिले की होली सबसे अनोखी मानी जाती है. होली के दिन जिले के कोकापुर गांव में लोग होलिका के दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने की परंपरा आज भी निभाते है. लोगों का मानना है कि होलिका दहन के अंगारों पर चलने से घर में कोई भी विपदा नहीं आती है.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शाक्तिपीठ मां दंतेश्वरी मंदिर में राख से होली खेली जाती है.यह परंपरा 700 साल पुरानी है.लेकिन आज भी यह परंपरा बहुत उत्साह के साथ निभाई जाती है.

ऐसी मान्यता है कि यहां सभी देवी- देवताओं भी होली खेलने आते हैं. होली के पर्व की पूर्व संध्या को ताड़ के पत्तों से होलिका दहन किया जाता है. इन्हीं ताड़ के पत्तों की राख से सुबह पुजारी और ग्रामीण होली खेलते हैं. पलाश के फूलों से बना गुलाल भी देवी -देवताओं को लगाया जाता है.

बिहार 

बिहार अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है. यहां होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव की तरह मनाई जाती है. बिहार में हर क्षेत्र की अपनी अनोखी होली परंपराएं हैं, जो इसे खास बनाती हैं. मगध, मिथिला, भोजपुर और सीमांचल हर जगह होली के रंग अलग-अलग होते हैं.

मगध की ‘बुढ़वा मंगल’

बिहार के मगध क्षेत्र में होली के बाद ‘बुढ़वा मंगल’ मनाने की परंपरा है. इस दिन लोग हंसी-मजाक, लोकगीत और भोज का आनंद लेते हैं. इसे बुजुर्गों के सम्मान और समाज में मेल-जोल बढ़ाने के दिन के रूप में मनाया जाता है.

समस्तीपुर की ‘छाता पटोरी’ होली

समस्तीपुर में ‘छाता पटोरी’ होली का चलन है, जहां लोग छातों और पटोरियों (बांस से बनी छोटी टोकरी) के साथ होली खेलते हैं. इसमें लोकगीतों की धुन पर लोग नाचते-गाते हैं और एक-दूसरे को रंग लगाते हैं.

मिथिला की ‘बनगांव होली’ और ‘झुमटा होली’

मिथिला क्षेत्र में ‘बनगांव होली’ प्रसिद्ध है. इस होली में लोकगीतों और पारंपरिक नृत्यों का आयोजन किया जाता है. वहीं, ‘झुमटा होली’ में महिलाएं झुंड में इकट्ठा होकर पारंपरिक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं. यह होली रंगों के साथ संगीत और भक्ति का अद्भुत संगम होती है.

कुर्ता फाड़ होली: लालू यादव की खास पहचान

बिहार में ‘कुर्ता फाड़ होली’ की खास पहचान रही है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव हैं. दिल्ली के राजनीतिक गलियारों तक उनकी कुर्ता फाड़ होली की चर्चा होती थी. कहा जाता है कि लालू यादव अपने समर्थकों और विधायकों के कुर्ते फाड़ देते थे और उनके भी कुर्ते फाड़े जाते थे.

झारखंड में ‘ढेला मार होली‘

झारखंड के लोहरदगा जिले के बरही चटकपुर गांव में हर साल होली के मौके पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जिसकी चर्चा अब दूर-दूर तक होती है. यहां ‘ढेला मार होली’ खेली जाती है, जिसमें गांव के लोग एक विशेष खंभे को उखाड़ने की कोशिश करते हैं और इसी दौरान मिट्टी के ढेलों (पत्थरों) की बारिश होती है.

परंपरा के अनुसार, होलिका दहन के दिन पूजा के बाद गांव के पुजारी मैदान में एक खंभा गाड़ते हैं. अगले दिन, गांव के सभी लोग इस खंभे को उखाड़ने के लिए मैदान में इकट्ठा होते हैं. इस दौरान लोगों पर मिट्टी के ढेले (छोटे पत्थर) फेंके जाते हैं. मान्यता है कि जो व्यक्ति पत्थरों की परवाह किए बिना खंभे को उखाड़ने की हिम्मत करता है, उसे सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यह परंपरा सत्य के मार्ग पर चलने का प्रतीक मानी जाती है.

पंजाब का ‘होला मोहल्ला’

सिख धर्मानुयायियों में भी होली बेहद प्रिय पर्व है. वह इस पर्व को शारीरिक और सैनिक प्रबलता के रुप में देखते हैं. होली के अगले दिन अनंतपुर साहिब में “होला मोहल्ला” का आयोजन होता है. इस परंपरा को दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंदसिंहजी ने शुरु किया था.

महाराष्ट्र और गुजरात की मटकी- फोड़ होली

महाराष्ट्र और गुजरात  में पुरुष मक्खन से भरी मटकियों को फोड़ते हैं, जिसे महिलाओं ने ऊंचाई पर बांधा होता है.इसे फोड़कर रंग खेलने की परंपरा  कृष्ण के बालरुप की याद दिलाती है.

बंगाल की डोल पूर्णिमा प्रसिद्ध

बंगाल की होली डोल पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध है.इस दिन का महत्व को प्रसिद्ध वैष्णव संत महाप्रभु  चैतन्य का जन्मदिवस से जोड़ा जाता है. इस दिन भगवान की अलंकृत प्रतिमा का दल निकाला जाता है और लोग उसमें उत्साह से शामिल होते हैं.

ये भी पढ़ें- Haryana: 10 में से 9 नगर निगमों में खिला कमल, 5 नगर परिषद् और 8 नगर पालिकाओं में BJP की जीत

Tags: MathuraHoli CelebrationBarsanaLathmar HoliHoli 2025Kurta Fad HoliVrindavan Holi
ShareTweetSendShare

संबंधितसमाचार

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश
Nation

सोशल मिडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने
Nation

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश
Nation

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?
Nation

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

भारत में 'एक्स' पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई
Nation

भारत में ‘एक्स’ पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश

सोशल मिडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

भारत में 'एक्स' पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

भारत में ‘एक्स’ पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

आदमपुर एयरबेस ही क्यों पहुंचे पीएम मोदी?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले दौरे के लिए PM मोदी ने क्यों चुना आदमपुर एयरबेस? जानें इसके पीछे की वजह

पंजाब के आदमपुर में गरजे पीएम मोदी

‘पाकिस्तान ने फिर से दुस्साहस दिखाया तो उसका मुंह तोड़ जवाब देंगे…’ आदमपुर एयरबेस से गरजे PM मोदी

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रहेगा स्थगित

भारत-पाक सीजफायर के बाद भी ‘सिंधु जल समझौता’ रहेगा स्थगित? पाकिस्तान पर कूटनीतिक कार्रवाई जारी

IPL 2025 Revised Schedule

IPL 2025 का बदला हुआ शेड्यूल जारी, 17 मई से फिर शुरू होगा टूर्नामेंट, 3 जून को फाइनल

ऑपरेशन सिंदूर ने पहली बार देश को किया संबोधित

‘पानी और खून एक साथ नही बह सकता, अब बात आतंकवाद और PoK पर होगी…’ पीएम मोदी की दो टूक

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.