भारत का पड़ोसी देश नेपाल इन दिनों एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है. सत्तारूढ़ वामपंथी पार्टी से लोगों का मोह भंग हो चुका है. वामपंथियों के कुचक्र से परेशान लोग अब एक बार फिर से नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग जोर शोर से उठा रहे हैं.
नेपाल की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस से जुड़े पेशेवर, बौद्धिक और वकीलों के संगठनों ने देश भर में सर्वेक्षण कराया है. इस सर्वेक्षण में ज्यादातर लोगों ने हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करते हुए देश के संविधान में हिन्दू राष्ट्र शब्द जोड़ने का सुझाव दिया है.
दरअसल, नेपाल में सत्तारूढ़ वामपंथी पार्टी हो या फिर नेपाली कांग्रेस, उसे केवल अपनी राजनीति से मतलब है. वहीं जो सबसे बड़ी सच्चाई इस वक्त है, वो है कि देश में अब जनता फिर से हिन्दू राष्ट्र चाहती है.
इससे पहले भी 9 मार्च 2025 को नेपाल के पूर्व राजा किंग ज्ञानेंद्र शाह का काठमांडू में हजारों समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान समर्थकों ने राजशाही को फिर से बहाल करने और हिंदू धर्म को फिर से राजधर्म बनाने की मांग की.
ज्ञानेन्द्र के स्वागत में हुई रैली के बाद से एक बात जोर पकड़ने लगी कि अब नेपालियों को हिन्दू राष्ट्र चाहिए. नेपाल की जनता चाहती है कि देश को और बिगड़ने से रोकने के लिए राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव हो. राजनीति के जानकारों का कहना है कि नेपाल की राजनीति में ‘राजशाही की ओर यह मोड़’ भ्रष्ट सरकारों के खिलाफ गहरा असंतोष व्यक्त कर रहा है.
बता दें कि साल 2008 में संसद ने नेपाल की हिंदू राजशाही को खत्म करने के लिए मतदान किया. तब से नेपाल में 13 सरकारें आ चुकी हैं और इस दौरान किसी भी सिंगल पार्टी को बहुमत नहीं मिला.
देश के ज्यादातर लोग गणतंत्र से निराश हैं. उनका कहना है कि इस दौरान वामपंथी समेत जो भी सरकारें रहीं, वे राजनीतिक स्थिरता लाने में पूरी तरह से विफल रही हैं और नेपाल की गिरती अर्थव्यवस्था और व्यापक भ्रष्टाचार के लिए भी यही जिम्मेदार हैं.
जानकारों का यह भी मानना है कि नेपाल में भारत की हर पार्टी और विचारधारा का प्रभाव पड़ता है. नेपाल पर पड़ रहा हिंदुत्व का प्रभाव भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है.
कैसा है नेपाल का धार्मिक आधार?
नेपाल के केंद्रीय जनसांख्यिकी ब्यूरो द्वारा पेश की गई 2021 की जनगणना रिपोर्ट बताती है कि इस देश में सबसे बड़ा धर्म हिंदू है. इस जनगणना में नेपाल में हिंदुओं की जनसंख्या 81.19 प्रतिशत (2,36,77744) थी. वहीं, नेपाल में दूसरा सबसे ज्यादा माना जाने वाला धर्म बौद्ध है.
नेपाल में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग 8.2 प्रतिशत (23,94549) थे. वहीं नेपाल में 14,83060 लोग इस्लाम को मानने वाले थे और वे कुल जनसंख्या का 5.09 प्रतिशत थे. हालांकि इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में हिंदुओं और बौद्धों की जनसंख्या में कमी आई है, वहीं मुसलमानों और ईसाइयों की संख्या बढ़ी है.
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