दिल्ली के लगभग एक तिहाई इलाके को काटती है यमुना नदी. जिसे कहते हैं यमुना पार. यहां पहुंचने के लिए यमुना पर कई पुल बने हुए हैं. इन्हीं पुलों में से एक है सिग्नेचर ब्रिज. यह किसी टूरिस्ट स्पॉट से कम नहीं है. यहां ब्रिज इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है और भारत का पहला एसिमिट्रिकल केबल स्टेड ब्रिज है. इसकी लंबाई 675 मीटर है और यह धनुष के आकार का बना हुआ है. बता दें इस ब्रिज की ऊंचाई 154 मीटर है. जो कुतुब मीनार से लगभग दो गुना ऊंचा है. गाजियाबाद और भोपुरा बॉर्डर के बीच आने-जाने के समय में 30 मिनट कम लगता है.
कहां स्थित है सिग्नेचर ब्रिज?
सिग्नेचर ब्रिज दिल्ली के वजीराबाद इलाके में मौजूद हैं. यह ब्रिज नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली को नॉर्थ दिल्ली से जोड़ता है. इस ब्रिज का उद्घाटन 4 नवंबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया था. इस ब्रिज के बन जाने से वजीराबाद ब्रिज पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ है. अब कुछ ही सैकंड़ों में उत्तरी-पूर्व दिल्ली से दिल्ली पहुंचना आसान हुआ है. पहले वजीराबाद ब्रिज पर घंटों तक जाम में खड़ा होना पड़ता है.
टूरिस्ट स्पॉट बना सिग्नेचर ब्रिज?
सिग्नेचर ब्रिज को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां अक्सर लोग सेल्फी लेते नजर आते हैं. पहले पर्यटकों को ऊपर ले जाने के लिए पुल में चार लिफ्ट लगाई गई थीं, कहा जा रहा था. ऊपर कॉन्च के बॉक्स से दिल्ली का टॉप व्यू देखने का प्लान था लेकिन कुछ टैक्निकल खामियों की वजह से यह ब्रिज सफलतापूर्वक नहीं हुए.
सिग्नेचर ब्रिज के पास घूमने वाली जगह
सिग्नेचर ब्रिज से कुछ मिनटों पर की दूरी पर मंजनू का टीला मौजूद है. जहां आपको रेस्टोरेंट और कैफे मिलेंगे. यहां आप स्वादिष्ट और लाजवाब खाने का लुत्फ उठा सकते हैं. इतना ही नहीं यहां से सिग्नेचर ब्रिज का बेहतरीन व्यू दिखाई देता है. यहां लोग दूर-दूर से आते हैं और एक अकल्पनीय नजारा अपनी आंखों में भरकर जाते हैं.
ब्रिज को बनने में 11 साल का लगा समय
इस ब्रिज को बनने में 11 वर्षों का समय लगा है. 1997 में वजीराबाद पुल की त्रासदी में 28 युवाओं की जान चली गई है थी. भविष्य में ऐसी घटानओं को रोकने के लिए सरकार ने इस पुल के सामानांतर में एक चौड़ा पुल तैयार करने का फैसला लिया. जो वजीराबाद पुल के यातायात भार को कम कर सके. इस नए पुल की योजना को 1998 में शीला सरकार के दौरान अंतिम रूप दिया गया. हालांकि, इस परियोजना में कई बाधाएं आई, जिसमें जनशक्ति की कमी और वित्तीय बाधाएं शामिल थी.
2010 में 1518 करोड़ रूपये की लगात वाले पुल का काम 2010 में शुरू कर दिया और 2013-16 के अंत की एक नई समय तय की गई. 2018 में इस पुल को जनता के लिए खोल दिया गया.
दिल्ली में यमुना नदी पर बने पुल
1. वजीराबाद पुल (नानकसर-तिमारपुर)
2. सिग्नेचर ब्रिज (खजूरी खास- तिमारपुर)
3. युधिष्ठर सेतु (सीलमपुर- कश्मीरी गेट)
4. लोहे वाला पुल (यमुना बाजार- शास्त्री पार्क)
5. गीता कॉलोनी-राजघाट पुल
6. विकास मार्ग (ITO- लक्ष्मी नगर)
7. एनएच-24 (निजामुद्दीन-विनोद नगर
8. डीएनडी प्लाइओवर (दिल्ली-नोएडा)
9. कालिदी कुंज ब्रिज (दिल्ली-नोएडा)
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