भारत की राजधानी दिल्ली में सभी देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद हैं. इन्ही में एक है योगमाया मंदिर. शायद ही आपने इस मंदिर के बारे में सुना हो. यह मंदिर इतना ज्यादा मशहूर नहीं है लेकिन स्थानीय लोग यहां रोजाना पूजा-अर्चना करने आते हैं. यह मंदिर दक्षिण दिल्ली के महरौली में कुतुब मीनार से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, पहले महरौली का नाम योगमाया के नाम पर ही रखा गया था औऱ इसे योगिनीपुरम कहा जाता था.
मंदिर के बारे मे कहा जाता है कि इसे किसी इंसान ने नहीं बल्कि भगवान ने बनवाया था. मंदिर में किसी भी प्रकार की बलि पर प्रतिबंध है. कई लोग योगमाया को सभी प्राणियों की माता के रूप में पूजते हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 5 हजार साल पुराना है. मंदिर में योगमाया के अलावा भगवान राम, भोलेनाथ, गणेश भगवान और अन्य देवता की मूर्ति भी स्थापित है.
कौन हैं देवी योगमाया?
देवी योगमाया भगवान श्रीकृष्ण की बहन थी और मां लक्ष्मी का अवतार थीं. आपने भगवान कृष्ण के जन्म जुड़ी कथा जरूर पड़ी होगी. योगमाया वही देवी है जिन्हें कृष्ण के पिता वासुदेव नंदगांव से लेकर आए थे और देवकी की बगल में रख दिया था. कंस ने देवकी के अन्य बच्चों की तरह ही योगमाया को मारना चाहा लेकिन वह कंस के हाथ से छिटकर आकाश में चली गई थी. देवी योगमाया ने अपने वास्तविक स्वरूप में आकर कंस की मृत्यु की भविष्यवाणी की थी.
महाभारत काल से है खास कनेक्शन
इस योगमाया मंदिर का महाभारत काल से खास कनेक्शन है. कहा जाता है कि कौरवों को पराजित करने के बाद पांडवों ने इस अनूठे मंदिर को बनवाया था. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इसे खुद भगवान ने बनाया था और महाभारत के समय भगवान कृष्ण और अर्जुन इस मंदिर में अराधना करने गए थे. इसके बाद 970 ईसवी में फारसी शासन गजनी ने मंदिर को नुकसान पहुंचाया था.
फूल वालों की सैर का महत्व
दिल्ली में प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के महीने में फूल वालों की सैर होती है. महरौली में फूलों का बड़ा बाजार है. यहां कुतुबुद्दीन बख्तियार खाकी की दरगाह से योगमाया मंदिर तक फूल वालों की सैर होती है इसलिए यहां बड़ा उत्सव मनाया जाता है. जहां देवी योगमाया को फूल पंखे और छतरियां अर्पित की जाती हैं. एक किंवदंती के अनुसार, इस परंपरा की शुरुआत सम्राट अकबर की हिंदू पत्नी ने की थी. ऐसा कहा जा ता है कि अकबर की पत्नी ने योगमाया देवी से प्रार्थना की थी और उनकी इच्छा पूरी हो गई थी.
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