पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के अंदर 6-7 मई की रात भारतीय सेना की कार्रवाई पिछले सभी स्ट्राइक से अलग है. जैसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, पहलगाम हमला भारत की आत्मा पर हमला है और हम इसका माकूल जवाब देंगे, यह कारर्वाई उसी तरह की है. बहादुर भारतीय सैनिकों ने एक ही साथ 9 स्थानों पर 21 आतंकी ठिकानों को तबाह कर डाला है. इससे पूरा देश संतुष्ट है, उत्साह में है, यूं कहें कि राष्ट्र गौरव से भर उठा है. इस अवसर पर किसी भी भारतीय नागरिक की यह पहली प्रतिक्रिया हो सकती है. सवाल इसके बाद की स्थितियों पर है.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के वक्तव्य को देखा जाना चाहिए, जिसमें वे कहते हैं कि ऐसा कर हमने अपने अधिकार का प्रयोग किया है. वे 25 अप्रैल के संयुक्त राष्ट्र संघ के उस संकल्प को याद करते हैं कि दुनिया से आतंकवाद की समाप्ति के लिए एकजुट और संकल्पबद्ध कार्रवाई की जरूरत है. इससे भी आगे मिसरी ने जो जानकारी दी, वह है कि हमारे देश के अंदर पहलगाम की तरह एक और आतंकी हमला होने वाला था. ऐसा हम अपने उच्चस्तरीय खुफिया सूत्रों के हवाले से कह रहे हैं. ऐसे हमले रोकने के लिए ये कारर्वाई अत्यंत आवश्यक थी. यानी दुश्मन हमला करे, उसके पहले ही उसकी रीढ़ तोड़ दी जाय.
6-7 मई की रात की कार्रवाई के बाद के सवाल का जिक्र करते समय हमें पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर नजर डालनी चाहिए. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हिफाजत कर सकता है लेकिन भारत रुक जाता है तो हम भी रुक जाएंगे. इससे तो लगता है कि भारत अपनी कार्रवाई को समाप्त घोषित कर दे, तो पाकिस्तान चुप बैठ जायेगा. इसके विपरीत, अन्य बयानों से ऐसा नहीं लगता. पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईपीआर) के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान के एक और हिस्से को देखा जाय तो वह भविष्य का संकेत करता है. भारत की ओर से जहां कहा गया कि हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों पर ही हुए, वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का कहना है कि भारत ने अपनी हवाई सीमा से पाकिस्तान पर मिसाइल हमले किए. मिसाइलें नागरिक इलाकों पर गिरीं.
पाकिस्तान जहां एक तऱफ भारत के रुक जाने पर स्वयं के भी रुकने की बात करता हं, वहीं अपने कथित नागरिक ठिकानों पर हमले की जानकारी से वह दुनिया की सहानुभूति बटोरना चाहता है. हालांकि अभी कई देशों ने यह उम्मीद जताई है कि भारत की इस कारर्वाई के बाद स्थिति सामान्य रहेगी. ऐसे देशों में चीन भी शामिल है, जो भारत-पाकिस्तान, दोनों को अपना पड़ोसी बताकर संयम बरतने की उम्मीद करता है. फिलहाल भारत ने इस कार्रवाई को ‘ऑपेऱशन सिंदूर’ नाम देकर और इसकी जानकारी सेना की दो वरिष्ठ महिला अधिकारियों से दिलाकर एक संदेश दिया है. संदेश साफ है कि पहलगाम में मां, बेटी, बहनों को जो आघात पहुंचा भारत ने उसे अपनी आत्मा पर आघात समझा. अब पाकिस्तान को समझना होगा कि यदि वह और आघात पहुंचाने की सोच रहा है तो और गंभीर खामियाजा भी वही भुगतेगा. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मंत्रिमंडल की विशेष मुलाकात के बहुत गंभीर मायने हो सकते हैं.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और हिन्दुस्थान समाचार से जुड़े रहे हैं)
हिन्दुस्थान समाचार
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