Thursday, May 15, 2025
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
Ritam Digital Hindi
Advertisement Banner
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Legal
    • Business
    • History
    • Viral Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
No Result
View All Result
Ritam Digital Hindi
No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Business
  • Entertainment
  • Sports
  • Opinion
  • Lifestyle
Home Nation

Subhash Chandra Bose Jayanti: नेताजी की दृष्टि में श्रीराम और रामराज्य

अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी की तरह सीधे रामराज्य की बात नहीं की. उनकी किसी भी राजनीतिक सभा में "रामधुन" नहीं बजाया जाता था लेकिन श्री रामचन्द्र के त्याग, आदर्श और संघर्ष की जीवन गाथा उनके पूरे जीवन के आदर्शों और दर्शन में मिलती है.

डॉ. जयंत चौधरी by डॉ. जयंत चौधरी
Jan 23, 2024, 11:32 am IST
FacebookTwitterWhatsAppTelegram

अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी की तरह सीधे रामराज्य की बात नहीं की. उनकी किसी भी राजनीतिक सभा में “रामधुन” नहीं बजाया जाता था लेकिन श्री रामचन्द्र के त्याग, आदर्श और संघर्ष की जीवन गाथा उनके पूरे जीवन के आदर्शों और दर्शन में मिलती है. सुभाषचंद्र जब किशोरावस्था में थे तभी से उन्होंने रामायण के आंतरिक भावों का चित्रण किया था. जब वे 13-14 वर्ष के थे तब उन्होंने अपनी मां प्रभावतीदेवी को एक पत्र में लिखा, ”मां, भारत भगवान के महान प्रेम की भूमि है. इस महाद्वीप में लोगों को रास्ता दिखाने के लिए भगवान ने हमेशा अवतार लिया है. युगों-युगों से भगवान के अवतार ने धरती को पाप-मुक्त किया और हर भारतीय के दिल में धर्म और सच्चाई के बीज बोए. भगवान ने मानव शरीर धारण किया है और अपने अवतार के रूप में कई देशों में जन्म लिया है, लेकिन उन्होंने किसी भी देश में इतनी बार अवतार नहीं लिया है, इसलिए हम कहते हैं कि हमारी मूल भारत माता ईश्वर के महान प्रेम की भूमि है.”

नेताजी लिखते हैं, ” दक्षिण में पवित्र गोदावरी दो कुंडों को भरकर कलकल ध्वनि के साथ निरंतर बहती रहती है – कैसी पवित्र नदी है! जैसे ही मैं देखता या सोचता हूं, मुझे रामायण का पांचवां अध्याय याद आ जाता है – तब मैं अपने मन की आंखों में – राम, लक्ष्मण और सीता को देखता हूं, जो राज्य और वैभव को त्याग कर गोदावरी के तट पर खुशी के साथ समय बिता रहे हैं, सांसारिक दुखों या चिंताओं को छोड़कर नैसर्गिक परमानंद के साथ. वे तीनों अपने दिन परमानंद में बिताते हैं, प्रकृति की पूजा करते हैं और भगवान की पूजा करते हैं – और इस बीच हम लगातार सांसारिक दुखों से जल रहे हैं.”

उसी उम्र में, सुभाष चंद्र ने यह भी उल्लेख किया कि आम लोग सुख के लिए हाहाकार कर रहे हैं लेकिन उनका कारण – ”हमारा कोई धर्म नहीं है, कुछ भी नहीं. नहीं है, राष्ट्रीय जीवन भी नहीं है. अब हम एक कमजोर शरीर वाले गुलाम, भ्रष्ट, पापी राष्ट्र हैं! अफसोस! हे सर्वशक्तिमान! यह भारत की कैसी शोचनीय स्थिति है! क्या तुम हमें नहीं बचाओगे? यह तुम्हारा देश है, लेकिन भगवान देखो, तुम्हारे देश की क्या हालत है! आपके अवतारों द्वारा स्थापित सनातन धर्म कहां है? हमारे पूर्वजों आर्यों ने जिस जाति और धर्म को बनाया और स्थापित किया था, उसे अब त्याग दिया गया है. हे दयालु हरि, कृपया रक्षा करें!”

सुभाष की मां भी भगवान राम की भक्त थीं. किशोरावस्था में ही सुभाष ने देश के लोगों की शांति के बारे में भी पत्र लिखा. इसमें उन्होंने लिखा, ”भगवान के दिखाए रास्ते को आत्मसात किए बिना और पूजा के बिना शांति नहीं है. नश्वर जीवन में यदि कोई सुख है तो घर-घर जाकर गोविंद का नाम जपने के अलावा सुख का और कोई रास्ता नहीं है. जब मैं ऊपर देखता हूं, मां, मुझे और भी अधिक पवित्र दृश्य दिखाई देता है! मुझे रामायण का एक और दृश्य याद आता है. मैंने वाल्मीकि के पवित्र तपोवन में दिन रात महर्षि की पवित्र वाणी में वेद मंत्र पढ़ते हुए देखा, मैंने वृद्ध महर्षि को ध्यान मुद्रा में बैठे देखा – उनके चरणों में दो शिष्य – कुश और लव दिखे. महर्षि उन्हें शिक्षा दे रहे थे. वेदों की पवित्र ध्वनि से आकर्षित होकर क्रूर सर्प भी अपना विष खो चुका है, फन उठाकर चुपचाप मंत्रों को सुन रहा है. गोकुल गंगा में जल पीने आये हैं – वे भी एक बार मुख उठाकर उस पवित्र मंत्र को सुन रहे हैं जिसे सुनने से कान सार्थक हो जाते हैं. पास ही एक हिरण लेटा हुआ है – वह लगातार महर्षि के मुख की ओर बिना पलकें झपकाए देखता रहता है. रामायण में सब कुछ पवित्र है चाहे वह तिनका ही क्यों ना हो. लेकिन अफसोस! हम, धर्मत्यागी के रूप में, अब उस पवित्रता को नहीं समझ सकते. एक और पवित्र दृश्य याद आता है. भुवन तारिणी विपदा हरिणी भागीरथी बह रही हैं. इसके तट पर योगिकुल बैठे हैं – कुछ आधी बंद आंखों से ध्यान में डूबे हुए हैं – कुछ कानन के फूल लेकर मूर्तियां बनाकर पूजा कर रहे हैं, चंदन धूप जैसी पवित्र सुगंध फैली हैं – कुछ मंत्रोच्चार कर रहे हैं. क्षितिज के समय कुछ लोग गंगा के पवित्र जल की ओर आ रहे हैं. कोई गीत गा रहा है और पूजा के लिए जंगली फूल चुन रहा है. ये दृश्य आंख और मन को प्रसन्न करते हैं. लेकिन अफसोस! आज वे ऋषि कहां हैं? उनका पवित्र मंत्र कहां है? उनके यज्ञ, हवन आदि कहां हैं? सोचकर कलेजा फट जाता है!”

युवावस्था की इसी भावना ने 1914 में मई-जून की चिलचिलाती गर्मी में सुभाष चंद्र को पहली बार हिमालय बुलाया. वे भगवा धारण कर घर से निकले. काशी, वृन्दावन, हरिद्वार आदि अखाड़ों में संतों के जीवन के विभिन्न व्यावहारिक अनुभव लिए. उसके पहले वर्ष क्रिसमस की छुट्टियों में 18-19 दोस्तों के साथ सुभाष ने साधु जीवन जीने के इरादे से शांतिपुर में गंगा के किनारे एक खाली घर में कुछ दिन बिताए. बिल्कुल नरेंद्रनाथ दत्त के स्वामी विवेकानन्द बनने के जीवन की शुरुआत की तरह. सुभाष चन्द्र की विभिन्न क्रांतिकारी गतिविधियों के पीछे अनेक साधु-संतों और महापुरुषों का आशीर्वाद था.

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने प्रिय सुभाष को “देशनायक” के संबोधन के साथ एक लम्बा पत्र लिखा. उन्होंने लिखा- “सुभाष चंद्र, बंगाली कवि, मैं आपको बंगाल के निवासी के रूप में “देशनायक” के तौर पर स्वीकार करता हूं. गीता कहती है कि सत्य की रक्षा और बुराई के अंत के लिए ईश्वर बार-बार प्रकट होते हैं. जब देश आपदा के में फंस जाता है, तो नेता देश की पीड़ा से प्रेरित होकर उभरते हैं.”

उस समय कांग्रेस की राजनीति के दबाव के कारण यह पत्र प्रकाशित नहीं हुआ, न तो कवि रवींद्रनाथ ने और न ही सुभाष चंद्र बोस ने “देशनायक” की अभिव्यक्ति को छपते देखा. गुरुदेव ने अंत में लिखा, … फिर मैं आपको यह आशीर्वाद देकर जाऊंगा कि देश के दुःख को अपना दुःख बनाओ, देश की मुक्ति हो रही है.” देश की जनता के कष्टों ने नेताजी के जीवन को भी श्री रामचन्द्र के समान दुःखमय, कष्टकारी, संघर्षपूर्ण बना दिया. भले ही सुभाष चंद्र का यह आध्यात्मिक पहलु खुलकर सामने नहीं आया, लेकिन आजादी की लड़ाई में नेताजी के लिए यही प्रेरणा बनी रही. अन्याय के विरुद्ध युद्ध जीतने के लिए श्री रामचन्द्र की देवी शक्ति की भक्ति अपार थी. भगवान राम ने देवी दुर्गा को अपनी आंखें अर्पित करने में संकोच नहीं किया. साथियों, वनवासियों को लेकर एक सेना बनाई. हृदय में श्री राम को बसा कर सुभाषचन्द्र बोस मानो मृत्यु के भय को जीत गए थे. भगवान राम की तरह ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के तत्कालीन शत्रु देशों के बीच दोस्ताना में बड़ी भूमिका निभाई. हिंदू-मुस्लिम, सिख-इसाई और यहां तक कि पूर्वोत्तर भारत के नगालैंड, मणिपुर के आदिवासी लोगों ने भी सुभाष बोस को अपना नेता मान लिया था. इन सबके साथ मिलकर नेताजी ने रामराज्य का सपना देखा था.

त्रेता युग की दिवाली पर श्रीराम वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. आज इस कलयुग में सैकड़ों सालों के लंबे संघर्ष के बाद एक बार फिर इतिहास खुद को दोहरा रहा है. समय से पहले सोमवार को पूरे देश में दिवाली मनाई जा रही है. इसके लिए अयोध्या नगरी को एक बार फिर सजाया गया है. राम भक्त नेताजी सुभाष चन्द्र के तपस्वी जीवन की विभिन्न वस्तुएं अयोध्या के “रामकथा संग्रहालय” में सुरक्षित रखी गयी हैं. शायद आने वाले दिनों में तीर्थयात्रियों को अयोध्या नगरी में रामलला के दर्शन के बाद ”रामकथा संग्रहालय” के दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त होगा.

साभार – हिन्दुस्थान समाचार

Tags: Netaji Subhas Chandra Bose JayantiNetaji Subhas Chandra Bose Birth AnniversarySubhas Chandra Bose Birth AnniversaryRam Rajya
Share1TweetSendShare

संबंधितसमाचार

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश
Nation

सोशल मिडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने
Nation

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश
Nation

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?
Nation

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

भारत में 'एक्स' पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई
Nation

भारत में ‘एक्स’ पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

कमेंट

The comments posted here/below/in the given space are not on behalf of Ritam Digital Media Foundation. The person posting the comment will be in sole ownership of its responsibility. According to the central government's IT rules, obscene or offensive statement made against a person, religion, community or nation is a punishable offense, and legal action would be taken against people who indulge in such activities.

ताज़ा समाचार

सामने आई पाकिस्तान की एक और जिहादी साजिश

सोशल मिडिया पर कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पर हमले की कहानी झूठी, मामला निकला फर्जी

पाकिस्तान ने भारत के सामने टेके घुटने

पाकिस्तान ने BSF जवान पूर्णिया कुमार को छोड़ा, DGMO की बैठक के बाद हुई रिहाई

बीआर गवई बने भारत के मुख्य न्यायधीश

जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

हिन्दू पहचान के आधार पर अब तक देश में कहां और कितनी हत्याएं?

भारत में 'एक्स' पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

भारत में ‘एक्स’ पर चीनी अखबार Global Times का अकाउंट बंद, फेक न्यूज फैलाने पर कार्रवाई

आदमपुर एयरबेस ही क्यों पहुंचे पीएम मोदी?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले दौरे के लिए PM मोदी ने क्यों चुना आदमपुर एयरबेस? जानें इसके पीछे की वजह

पंजाब के आदमपुर में गरजे पीएम मोदी

‘पाकिस्तान ने फिर से दुस्साहस दिखाया तो उसका मुंह तोड़ जवाब देंगे…’ आदमपुर एयरबेस से गरजे PM मोदी

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रहेगा स्थगित

भारत-पाक सीजफायर के बाद भी ‘सिंधु जल समझौता’ रहेगा स्थगित? पाकिस्तान पर कूटनीतिक कार्रवाई जारी

IPL 2025 Revised Schedule

IPL 2025 का बदला हुआ शेड्यूल जारी, 17 मई से फिर शुरू होगा टूर्नामेंट, 3 जून को फाइनल

ऑपरेशन सिंदूर ने पहली बार देश को किया संबोधित

‘पानी और खून एक साथ नही बह सकता, अब बात आतंकवाद और PoK पर होगी…’ पीएम मोदी की दो टूक

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.

No Result
View All Result
  • Home
  • Nation
  • World
  • Videos
  • Politics
  • Opinion
  • Business
  • Entertainment
  • Lifestyle
  • Sports
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer

© Ritam Digital Media Foundation.