दिल्ली हाईकोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य कंपनियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अपील शुक्रवार (22 मार्च) को स्वीकार कर ली.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि रिकॉर्ड में लाई गई सामग्री और पक्षकारों के वकीलों की दलीलों के आधार पर सीबीआई की ओर से प्रथम दृष्टया मामला बनता है. इसके लिए गहन जांच की आवश्यकता है और अपील पर विस्तार से सुनवाई की जरूरत है. पीठ ने इसके साथ ही अपील की अनुमति दी और इस मामले को मई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश भी दिया.
दरअसल, सीबीआई ने निचली अदालत के फैसले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करने के लिए 2018 में अपील दायर की थी. इस मामले में जज ने बीते 14 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि विशेष अदालत ने 21 दिसंबर, 2017 को ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य को 2जी घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में बरी कर दिया था.
यह घोटाला वर्ष 2010 में सामने आया जब भारत के महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए थे.
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे, जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक के अनुसार सरकारी खजाने को अनुमानित एक लाख 76 हजार करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था.
दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2017 में 2जी घोटाले मामले में जिन 14 लोग और तीन कंपनियों पर आरोप लगे थे, उन सबको बरी कर दिया था.
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