हरिणाया में मंगलवार (7 मई) को बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, बीजेपी को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंधर ने अब कांग्रेस से हाथ मिला लिया है. इतना ही नहीं इन तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दिया है. जिससे हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है. हालांकि, अल्पमत होने के बावजूद भी बीजेपी की सरकार नहीं गिरेगी. आखिर इसकी क्या वजह है आइए जानते है.
अल्पमत में होने के बावजूद नहीं गिरेगी बीजेपी सरकार
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में रणजीत चौटाला और मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद से अब 88 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 45 विधायको की जरूरत है. ऐसे में इन तीन विधायकों के बीजेपी से समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी अल्पमत में आ गई है. लेकिन इसके बावजूद भी नायब सिंह सैनी सरकार के गिरने का कोई खतरा नहीं है. दरअसल, कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बीजेपी की नायब सिंह सैनी सरकार ने 22 फरवरी 2024 को निर्दलीय समर्थन से विश्वास मत हासिल किया था.
ऐसे में संवैधानिक दृष्टि से अगले 6 महीने यानी 22 अगस्त तक नायब सिंह सैनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है. वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव सिंतबर-अक्टूबर में होने वाले हैं. ऐसे में अगस्त में सरकार विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की घोषणा कर सकती है. यानी 22 अगस्त तक सरकार को कोई खतरा नहीं है और उसके बाद सरकार विधानसभा भंग कर चुनाव का ऐलान कर सकती है और इस हिसाब से अल्पमत में होने के बावजूद भी सरकार नहीं गिरेगी.
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