भारत और कनाडा के बीच विवाद चरम पर है. दोनों देशों के बीच ये विवाद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद शुरू हुआ. दोनों देशों के विवाद में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिका की एंट्री कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस बयान के बाद हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि कनाडा ने मामले में सहयोग के लिए बार-बार भारत से संपर्क किया, लेकिन भारत ने इनकार कर दिया.
अमेरिका ने कहा है कि भारत हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले की जांच में कनाडा के साथ सहयोग नहीं कर रहा है. वहीं भारत ने सभी दावों का खंडन किया है और उन सबूतों की मांग की है जिनका हवाला कनाडा ने आरोप लगाने के लिए दिया है. दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “जब कनाडाई मामले की बात आती है, तो हमने स्पष्ट कर दिया है कि आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है. हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा को उसकी जांच में सहयोग दे. जाहिर है, उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना है.”
वहीं भारतीय विदेश मंत्रायल ने कनाडा की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारीज कर दिया. भारत की ओर से कहा गया कि वोट बैंक की खातिर कनाडा सरकार उसके ऊपर निराधार आरोप लगा रही है. भारत ने कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत कई राजनयिकों को देश वापस बुला लिया है. साथ ही इसके साथ ही भारत ने 6 कनाडाई राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया है.
ट्रूडो ने सोमवार को बुलाई एक प्रेसवार्ता में कहा था कि कनाडा ने निज्जर हत्याकांड में भारतीय एजेंट्स की संलिप्तता को लेकर जो भी सूचनाएं और इनपुट मिले हैं उनको उसने फाइव आईज के अपने सभी सहयोगियों के साथ साझा किया है. बता दें फाइव आईज देशों का ग्रुप है. इसमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल है. इसके जरिये ये देश दूसरे देशों की खुफिया जानकारी आपस में साझा करते हैं.
भारत पर कनाडा के आरोपों को लेकर को लेकर अमेरिका के अलावा फाइव आईज में शामिल बाकी देशों के भी बयान आए है. हालांकि उनमें से किसी ने भी भारत का नाम नहीं लिया है. भारत पर कनाडा के आरोपों को लेकर को लेकर फाइव आईज सहयोगी न्यूजीलैंड ने भारत-कनाडा राजनयिक तनाव के बीच कनाडा का समर्थन किया है. न्यूजीलैंड के पीएम और विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा है कि कनाडा द्वारा न्यूजीलैंड को उसके दक्षिण एशियाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा और हिंसा की धमकियों की चल रही आपराधिक जांच पर उसकी हालिया घोषणाओं के बारे में जानकारी दी गई है.
उन्होंने कहा कि कनाडाई कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से उल्लिखित कथित आपराधिक आचरण, यदि साबित हो जाता है, तो बहुत चिंताजनक होगा. हम न्यूजीलैंड या विदेश में चल रही आपराधिक जांच के विवरण पर टिप्पणी नहीं करते हैं, सिवाय इसके कि यह महत्वपूर्ण है कि कानून के नियम और न्यायिक प्रक्रियाओं का सम्मान और पालन किया जाए.
वहीं कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस संबंध में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर से फोन पर बात की है. ब्रिटेन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों नेता कानून के शासन की अहमियत पर सहमत हैं और जांच के नतीजों को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस दौरान ब्रिटेन की ओर से भारत का नाम नहीं लिया गया.ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को दौरान भारत-कनाडा कूटनीतिक विवाद पर किसी भी सवाल का जवाब देने से मना कर दिया.
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