कोलकाता: गंगासागर मेले में देशभर से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है. इस पवित्र अवसर पर पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती भी पहुंचे. उन्होंने मकर संक्रांति पर पत्रकारों से बातचीत की और पश्चिम बंगाल में आतंकवादियों और अवैध घुसपैठियों की सक्रियता को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ी नसीहत दी. राज्य में अवैध बांग्लादेशियों और आतंकियों की गिरफ्तारी पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ममता जी को ध्यान देना चाहिए. जैसे केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों को पकड़कर घसीटा, वही यहां भी होना चाहिए. अगर वो देशभक्त नहीं हुईं, तो शासन कब तक कर सकेंगी?
उन्होंने आगे कहा कि मिलीभगत से नहीं, बल्कि कठोरता से हिंदुओं के अस्तित्व का मार्ग प्रशस्त करें. सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन इतिहास हमेशा अमर रहता है. किसी वर्ग को रिझाने के लिए सनातन सिद्धांतों की हत्या और हिंदुओं पर हमले कराना अनुचित है. प्रयागराज में 2025 में चल रहो महाकुंभ को लेकर जब उनसे भ्रष्टाचार पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा पद सर्वोच्च न्याय का है. मेरा मानना है कि संविधान ऐसा होना चाहिए जिसे यमराज भी स्वीकार करें.
उन्होंने बताया कि कोविड से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर साल मुझसे दो-तीन बार मिलने आते थे. मैं प्रयागराज जाऊंगा, अगर कोई समस्या सामने आएगी, तो सोच-समझकर कदम उठाऊंगा। बिना सोचे-समझे कुछ भी कहना उचित नहीं है.
पारसनाथ तीर्थस्थान पर केंद्र सरकार को चेतावनी
झारखंड में स्थित पारसनाथ तीर्थ को पर्यटन केंद्र घोषित करने पर जैन समाज के विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह तीर्थ और तपोस्थली है. इसे पर्यटन स्थल बनाकर भोग की जगह नहीं बनाया जा सकता.
उन्होंने कहा कि जैन संतों ने इस फैसले के खिलाफ अनशन किया, दो संतों की मृत्यु भी हो गई. आखिरकार केंद्र सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा और पर्यटन केंद्र का दर्जा खत्म करना पड़ा. लेकिन वहां के व्यापारी अब भी चाहते हैं कि यह पर्यटन केंद्र बने. ऐसा विकास नहीं होना चाहिए जिससे तीर्थस्थल ही खत्म हो जाए.
हिन्दुस्थान समाचार
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