नई दिल्ली: आजादी के अमृत महोत्सव की धूम के बीच भारतीय रेलवे ने लंबी छलांग लगाने के लिए कमर कस ली है. लंबी दूरी की वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दौड़ने के लिए तैयार है. यह भारतीय रेलवे के सबसे तेजी से बढ़ते बेड़े का अत्याधुनिक संस्करण है. यह जानकारी भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) की विज्ञप्ति में दी गई है.
हाई स्पीड का सपना हकीकत में बदला
पीआईबी की विज्ञप्ति में बताया गया है कि विश्वस्तरीय, हाईस्पीड स्लीपर ट्रेन का सपना अब हकीकत बन चुका है. पहली 16 डिब्बों वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 15 जनवरी को मुंबई-अहमदाबाद खंड में 540 किलोमीटर की दूरी के लिए अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) के कठोर परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इंटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई ने पिछले साल 17 दिसंबर को भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का निर्माण पूरा किया. एक पखवाड़े के भीतर ट्रेन को कोटा डिवीजन में लाया गया और पिछले महीने के पहले सप्ताह में लगातार तीन दिन तक 30 से 40 किलोमीटर की छोटी दूरी के लिए सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. इसने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की उच्च गति से आरामदायक यात्रा का अनुभव हासिल किया. वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें आने वाले दिनों में लोगों को रातभर की यात्राओं की नई परिभाषा देने के लिए तैयार हैं.
अप्रैल से दिसंबर के बीच नौ और ट्रेन
विज्ञप्ति के अनुसार, इस साल अप्रैल से दिसंबर के बीच नौ और वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का उत्पादन निर्धारित है. ये ट्रेनें लंबी दूरी के यात्रियों के लिए दक्षता और सुविधा के मामले में नए मानक स्थापित करेंगी. इस स्लीपर ट्रेन को पहली बार उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे ने 17 दिसंबर 2024 को 24 डिब्बों की वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के 50 रेक के लिए प्रोपल्शन इलेक्ट्रिक्स का एक बड़ा ऑर्डर दिया है. यह ऑर्डर दो प्रमुख भारतीय निर्माताओं को दिया गया है. जिसके दो साल की समय सीमा में तैयार होने की संभावना है. मेसर्स मेधा 33 रेकों के लिए प्रोपल्शन प्रणाली की आपूर्ति करेगी. मेसर्स अलस्टॉम 17 रेकों के लिए प्रोपल्शन प्रणाली की आपूर्ति करेगा. भविष्य की ओर देखते हुए 24 डिब्बों वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पूरे पैमाने पर उत्पादन 2026-27 में शुरू होगा. इससे रेलवे प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता और मजबूत होगी.
पटरियों पर गति और विलासिता का नया अध्याय
पीआईबी के अनुसार, इन वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को स्वचालित दरवाजों, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई फाई और विमान जैसी सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है. भारत में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर देश भर में चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से रिक्लाइनिंग सीटों और विश्वस्तरीय यात्रा अनुभव का आनंद ले रहे हैं. वंदे भारत स्लीपर के साथ, यात्री विश्वस्तरीय सुविधाओं और उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस एक शांत, सुगम और अधिक आरामदायक यात्रा की उम्मीद कर सकते हैं. मेक इन इंडिया पहल के तहत डिजाइन और निर्मित, यह ट्रेन भारत की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और रेल यात्रा में बदलाव लाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
सुविधाओं का अंबार, संचार के संसाधन बेशुमार
विज्ञप्ति के अनुसार, ट्रेन में 16 डिब्बे हैं. इन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है- एसी प्रथम श्रेणी, एसी 2-टियर और एसी 3-टियर. ट्रेन की कुल क्षमता 1,128 यात्रियों की है. क्रैश बफर्स, विरूपण ट्यूब और अग्नि अवरोधक दीवार है. स्वचालित दरवाजे, गद्देदार बर्थ और ऑनबोर्ड वाई फाई है. देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के परिचालन से पहले, अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ट्रायल रन का विश्लेषण करने के बाद अंतिम प्रमाणपत्र जारी करेगा. रेलवे सुरक्षा आयुक्त ट्रेन की अधिकतम गति का मूल्यांकन करेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार
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