महाकुम्भ नगर: प्रयागराज महाकुम्भ अब धीरे-धीरे समापन की ओर बढ़ रहा है. 45 दिनों तक चलने वाला महाकुम्भ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक भव्यता का जीवंत प्रमाण है. सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में यह महाकुम्भ श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय अनुभव बनने जा रहा है.
अत्याधुनिक तकनीक, सुरक्षा और सुविधाओं के अद्भुत समन्वय से यह महाकुम्भ विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहा है. इसको अविस्मरणीय बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी विशेष योगदान रहा है. वह महाकुम्भ की धड़कन बन पल पल पूरे आयोजन का नेतृत्व करते नजर आए. 06 अक्टूबर 2024 को महाकुम्भ का लोगो, वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च करने के बाद से अब तक वह 16 बार प्रयागराज पहुंचे, हर व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण किया और तैयारियों को समय से पहले पूरा करने का संकल्प को दोहराया. महाकुम्भ की शुरुआत के बाद सीएम और सजग नजर आए और उन्होंने ग्राउंड जीरो पर उतरकर हर व्यवस्था, सुविधा को सुनिश्चित किया.
परखीं तैयारियां, संतों का किया सत्कार
मुख्यमंत्री अपने प्रयागराज दौरों पर न सिर्फ तैयारियों, व्यवस्थाओं और सुविधाओं की समीक्षा की, बल्कि 13 अखाड़ों, प्रमुख संतों और धर्मगुरुओं से संवाद कर महाकुम्भ को और भव्य बनाने के सुझाव लिए. श्रद्धालुओं की सुविधाओं से लेकर साधु-संतों के सत्कार तक, हर व्यवस्था का सीएम योगी ने खुद जायजा लिया। यही नहीं, अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर सीएम योगी ने सरकारी आवास से रियल-टाइम मॉनिटरिंग कर उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए, जिससे भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बेहतरीन बनी रहे. अपनी सतत निगरानी से उन्होंने महाकुम्भ 2025 को संस्कृति, अध्यात्म और आधुनिकता का संगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया.
06 अक्टूबर को महाकु्म्भ का लोगो, वेबसाइट और मोबाइल एप का लोकार्पण करने के बाद से मुख्यमंत्री योगी अब तक कुल 16 बार प्रयागराज आए. वहीं, महाकुम्भ की शुरुआत से लेकर अब तक उन्होंने कुल 8 बार यहां का भ्रमण किया. इस दौरान तैयारियों की समीक्षा के साथ ही उन्होंने स्थलीय निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन भी किया. साधु संतों के साथ संवाद स्थापित कर महाकुम्भ को भव्य बनाने के लिए सुझाव भी लिए तो हर वर्ग और संप्रदाय के संतों का सत्कार कर दिल भी जीता. ग्राउंड जीरो के साथ ही मुख्यमंत्री ने लखनऊ में भी कई बार महाकुम्भ को लेकर बैठक की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. रियल टाइम मॉनिटरिंग के जरिए उन्होंने ग्राउंड रियलिटी भी जानी.
महाकुम्भ आयोजन को लेकर सीएम योगी की गतिविधियों की झलक
27 नवंबरः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136 वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. महाकुम्भ से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा भी की.
07 दिसंबरः प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पूर्व संत समाज को आमंत्रित किया. अरैल बंधा रोड, त्रिवेणी पुष्प, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट और शिवाजी पार्क का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और दिशा निर्देश दिए. साथ ही जनप्रतिनिधियों से मुलाकात और अस्थाई पुलिस लाइन का उद्घाटन भी किया.
12 दिसंबरः पीएम मोदी के दौरे से पहले केंद्रीय अस्पताल, किला घाट जेटी, पीएम कार्यक्रम स्थल, अक्षय वट, हनुमान कॉरिडोर, सरस्वती कूप का निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया.
13 दिसंबरः पीएम मोदी के साथ कार्यक्रम में सहभागिता.
23 दिसंबरः टेंट सिटी का निरीक्षण, दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती, स्वरूपरानी मेडिकल कॉलेज में बर्न वार्ड का निरीक्षण और तैयारियों की समीक्षा.
31 दिसंबरः बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण, संगम नोज का निरीक्षण, त्रिवेणी पूजन, समीक्षा बैठक.
09 जनवरीः 13 अखाड़ों, दंडी बाड़ा, खाक चौक और योगी महासभा के शिविर में पहुंचे, डिजिटल मीडिया सेंटर का उद्घाटन, प्रेस कान्फ्रेंस, डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन, तैयारियों की समीक्षा.
10 जनवरीः प्रसार भारती के चैनल कुम्भ वाणी का शुभारंभ, परिवहन निगम की बसों को दिखाई हरी झंडी.
19 जनवरीः पूज्य शंकराचार्य, संत महात्माओं से मुलाकात, ओडीओपी प्रदर्शनी, पुलिस गैलरी, संविधान गैलरी, पर्यटन गैलरी, एनसीजेडसीसी पवेलियन का शुभारंभ. स्वामी चिदानंद के शिविर में मोरारी बापू की कथा का श्रवण.
22 जनवरीः महाकुम्भ में कैबिनेट बैठक, पूरे मंत्री परिषद के साथ पावन संगम स्नान.
25 जनवरीः अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के कार्यक्रम में, गुरु गोरक्षनाथ अखाड़ा में, विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में सहभागिता. श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य से भेंट.
27 जनवरीः गृहमंत्री अमित शाह के महाकुम्भ आगमन पर स्वागत और त्रिवेणी संगम में पूजन.
01 फरवरीः संगम नोज का स्थलीय निरीक्षण, सतुआ बाबा के पट्टाभिषेक कार्यक्रम में सहभागिता, भारत सेवाश्रम शिविर का दौरा. उपराष्ट्रपति का स्वागत और दुनिया के 73 देशों के राजनयिकों से किया संवाद व समीक्षा बैठक.
04 फरवरीः बौद्ध महाकुम्भ कार्यक्रम में सहभागिता, मीडिया से संवाद, भूटान नरेश का किया स्वागत.
05 फरवरीः पीएम मोदी के आगमन पर किया स्वागत, त्रिवेणी संगम का पूजन।
16 फरवरीः जलवायु सम्मेलन में सहभागिता, प्रदीप मिश्रा की कथा और प्रभु प्रेमी संघ शिविर के समापन समारोह में सम्मिलित हुए.
लखनऊ से भी रहे एक्टिव
29 अक्टूबर: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ लखनऊ में महाकुम्भ से संबंधित पर्यटन विकास परियोजनाओं की समीक्षा.
11 जनवरीः लखनऊ में महाकुम्भ को लेकर परिवहन विभाग की बैठक में आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
समस्त अमृत स्नान, स्नान पर्वों पर अपने सरकारी आवास पर तड़के से ही रियल टाइम मॉनिटरिंग, उच्च अधिकारियों को दिया निर्देश.
हिन्दुस्थान समाचार
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