नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आधुनिक जीवन शैली से बढ़ती जा रही स्वास्थ्य समस्या के तौर पर मोटापे का विषय उठाया. उन्होंने इस संबंध में आमजन से अपने भोजन में खाद्य तेल के उपयोग में 10 प्रतिशत की कमी लाने की अपील की. उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जागरूकता पैदा करने के माध्यम के तौर पर 10 लोगों को खाद्य तेल में कटौती से जुड़ी चुनौती देने की बात भी कही.
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में आज मोटापे के विषय पर ओलंपिक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, निखत जरीन तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी से हुई बातचीत सुनाई. उन्होंने कहा कि खाने में तेल के कम उपयोग और मोटापे से निपटना केवल व्यक्तिगत विषय नहीं है बल्कि यह परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है. खानपान में तेल का अधिक इस्तेमाल दिल की बीमारियों, शुगर और उक्त रक्तचाप जैसी ढेर सारी बीमारियों की वजह बनता है. उन्होंने कहा कि खानपान में छोटे-छोटे बदलाव से हम हमारे भविष्य को मजबूत, सशक्त और रोग मुक्त बना सकते हैं.
उन्होंने कहा, “आप तय कर लीजिए कि हर महीने 10 प्रतिशत तेल कम उपयोग करेंगे. आप तेल की खरीद में 10 प्रतिशत की कमी लायेंगे. यह मोटापा कम करने की दिशा में अहम कदम होगा.”
प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ में पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीव संरक्षण जैसे विषयों को लगातार उठाते रहे हैं. इसी क्रम में आज उन्होंने भारत के जीवंत पारिस्थितिक तंत्र की बात की. उन्होंने उन परंपराओं की जानकारी दी जिसके जुड़कर लोग वन्य जीवन और प्रकृति के संरक्षण को प्रेरित होते हैं. उन्होंने कहा कि एशियाई शेर, हंगुल, पिग्मी हॉग और शेर-पूंछ वाला मकाक सारी दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते, यह सिर्फ हमारे देश में ही पाए जाते हैं. हमारे यहां वनस्पति और जीव-जंतुओं का एक बहुत ही जीवंत इको-सिस्टम है और ये हमारे यहां के जीव-जंतु, हमारे इतिहास और संस्कृति में रचे-बसे हैं.
हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री ने खेलों को प्रोत्साहित करते हुए ‘मन की बात’ में इस क्षेत्र में भारत के बढ़ते कद का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक खेल पावर हाउस बनने जा रहा है और इसमें हमारे खिलाड़ियों और खेलो इंडिया जैसे अभियान की बड़ी भूमिका है. इस संबंध में उन्होंने नए उभरते खिलाड़ियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस बार के राष्ट्रीय खेलों में किशोर चैंपियन की संख्या हैरान करने वाली है. उन्हें खुशी है कि भारत का युवा एथलीट समर्पण और अनुशासन के साथ भारत को वैश्विक स्पोर्टिंग पावर हाउस बनाने में तेजी से बढ़ रहा है.
हर बार की तरह इस बार भी ‘नारी शक्ति’ को सम्मान देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले महिला दिवस पर वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स (एक्स, इंस्टा, फेसबुक एवं अन्य) को देश की कुछ प्रेरणादायक काम करने वाली कुछ महिलाओं को एक दिन के लिए सौंपेंगे. 8 मार्च को ये महिलाएं अपने कार्य और अनुभव को देशवासियों के साथ साझा करेंगी. उन्होंने कहा कि यह मंच भले ही उनका होगा लेकिन इसमें बात उनके अनुभव, चुनौतियों और उपलब्धियों की होगी.
डिजिटल क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में कहा कि भारत अब कृत्रिम मेधा में भी अपना एक स्थान बना रहा है. उन्होंने तेलंगाना के आदिलाबाद के सरकारी स्कूल के टीचर थोडासम कैलाश के जनजातीय भाषाओं को बचाने की दिशा में एआई के माध्यम से किए गए महत्वपूर्ण कार्य की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एआई के माध्यम से उन्होंने कोलामी भाषा में गाना कंपोज कर कमाल कर दिया है. वह एआई का उपयोग कोलामी के अलावा भी कई भाषाओं में गीत तैयार करने के लिए कर रहे हैं.
‘मन की बात’ कार्यक्रम में उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर लोगों से एक दिन वैजानिक की तरह बिताने की अपील की. उन्होंने कहा कि लोग एक दिन एक वैज्ञानिक के रूप में बिता कर देखें. इसके लिए किसी भी दिन को चुना जा सकता है. उस दिन वह किसी शोध लैब, प्लैनेटेरियम या फिर स्पेस सेंटर में जा सकते हैं. इससे विज्ञान को लेकर उनकी जिज्ञासा और बढ़ेगी.
उन्होंने पिछले महीने इसरो के 100वें रॉकेट की लॉन्चिंग का भी कार्यक्रम में उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इसरो की सफलताओं का दायरा लगातार बढ़ रहा है. बीते 10 वर्षों में करीब 407 सैटेलाइट लॉन्च की गई है. इसमें से बहुत से सैटेलाइट अन्य देशों के हैं. आज अंतरिक्ष क्षेत्र युवाओं के लिए पसंदीदा बन गया है. कुछ साल पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं था कि स्टार्टअप और निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष से जुड़ी कंपनियां की संख्या सैकड़ों में हो जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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