Chamoli Avalanche: चमोली के माणा गांव के पास हिमस्खलन की घटना में लापता 4 श्रमिकों में से 3 का शव मिल गए है. बता दें कल 4 मजदूरों के शव मिले थे. इस तरह मरने वालों की संख्य बढ़कर 7 हो गई है. वहीं एक मजदूर अभी भी लापता है. जिसकी तलाश की जा रही है. राहत बचाव दल और सेना के जवान लापता मजदूर की तलाश कर रहे हैं.
बता दें उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास हिमस्खलन की घटना 28 फरवरी को हुई थी. जिसके बाद एसडीआरएफ सहित राहत बचाव-एजेंसियों ने अपना कार्य शुरू किया. वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर, एमआई-17 हेलीकॉप्टर ड्रोन आधारित इंटेलिजेंस बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम बचाव कार्य में लगे हुए है.
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने ,बताया कि मौसम ने हमारा साथ दिया है. उन्होंने बताया कि कुल 54 (बीआरओ कर्मचारी) लापता हुए थे, इनमें से 50 को बचा लिया गया था और अन्य की तलाशी के लिए बचाव अभियान चल रहा है. घायल बीआरओ कर्मियों को आगे के उपचार के लिए जोशीमठ आर्मी अस्पताल में एयरलिफ्ट किया जा रहा है.
पीआरओ रक्षा, लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि रविवार को सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान बर्फ में दबे तीन और श्रमिकों के शव बरामद किए हैं. इन शवों को माना पोस्ट तक लाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब केवल एक और श्रमिक लापता है. सेना की ओर से फंसे एक श्रमिक को खोजबीन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसी बीच माणा रेस्क्यू अभियान में गंभीर रूप से घायल पवन पुत्र महेंद्र सिंह (23) इशापुर, सम्भल, उत्तर प्रदेश को हेली एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया गया है. जबकि एक अन्य व्यक्ति को शनिवार को ही रेफर कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है. लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है और सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है. पोस्टमार्टम और अन्य प्रक्रिया पूरी होने केबाद श्रमिकों के शवों को उनके घर तक भेजा जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी और मार्च में हिमस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में आपदा प्रबन्धन विभाग के माध्यम से एडवाइजरी जारी कर दी गई है. जो भी श्रमिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं. जिन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण विद्युत व्यवस्था और संचार व्यवस्था बाधित है, उन्हें दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि इस हादसे में प्रभावित होने वाले श्रमिकों की संख्या पहले 55 बताई गई थी. हादसे के बाद प्रभावितों के घरों पर संपर्क करने पर पता चला कि एक श्रमिक पहले ही बिना बताए अपने घर चला गया था. इस प्रकार हिमस्खलन हादसे कीजद में आए श्रमिकों की कुल वास्तवित संख्या 54 है.
मध्य कमान के जीओसी घटनास्थल पर पहुंचे
अभियान के बीच मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने घटनास्थल का दौरा किया. दोनों सैन्य अधिकारियों ने खोज और बचाव कार्यों की निगरानी, समीक्षा और समन्वय के लिए माना में हिमस्खलन स्थल का दौरा किया. यहां जीवित बचे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष रेको रडार, यूएवी, क्वाडकॉप्टर, हिमस्खलन बचाव कुत्ते आदि को अभियान में लगाया गया है. आवश्यक उपकरण, संसाधन और घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगातार काम कर रहे हैं. सेना कमांडर ने आश्वासन दिया कि विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से भारतीय सेना तेजी से बचाव प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संसाधनों से पूरी तरह सुसज्जित है.
हिन्दुस्थान समाचार
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