प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), अप्रैल 2015 में शुरू की गई, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है. योजना के तहत, गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि क्षेत्र में आय पैदा करने वाली गतिविधियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्र शामिल हैं. इस योजना ने पिछले 10 वर्षों में देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अप्रैल 2015 में अपनी शुरुआत के बाद से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से ज्यादा लोन स्वीकृत किए हैं. इससे देश भर में उद्यमिता की क्रांति को बढ़ावा मिला है. व्यापार वृद्धि अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गई है. यह छोटे शहरों और गांवों तक फैल रही है.
साल दर साल लाभार्थियों की संख्या और लोन वितरण
नीचे दिए गए आंकड़े वर्ष 2015-16 से 2024-25 (21 मार्च 2025 तक) तक के हैं :
वित्तीय वर्ष लोन की संख्या (करोड़ में) स्वीकृत राशि (लाख करोड़ रूपये में)
2015-16 3.49 1.37
2016-17 3.97 1.80
2017-18 4.81 2.54
2018-19 5.98 3.22
2019-20 6.23 3.37
2020-21 5.07 3.22
2021-22 5.38 3.39
2022-23 6.24 4.56
2023-24 6.67 5.41
2024-25* 4.53 4.77
कुल 52.37 33.65
*2024-25 के आंकड़े 21 मार्च 2025 तक के हैं. (Source- PIB)
श्रेणीवार ब्यौरा:- (लोन की संख्या और स्वीकृत राशि)
वर्ग लोन की संख्या (प्रतिशत में) स्वीकृत राशि (प्रतिशत में)
शिशु 78% 35%
किशोर 20% 40%
तरूण 2% 25%
तरुण प्लस 0% 0%
कुल 100% 100%
(Source: PIB)
महिला सशक्तीकरण को मिला बल
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है.”
रोजगार सृजन में बड़ा योगदान
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार बढ़ा है. Skoch Group की ‘आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24’ रिपोर्ट के अनुसार 2014 से हर साल कम से कम 5.14 करोड़ नए रोजगार शुरू हुए हैं, जिसमें अकेले PMMY ने 2014 से प्रति वर्ष 2.52 करोड़ एवरेज स्थिर रोजगार जोड़े हैं.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने पिछले 10 वर्षों में 52 करोड़ से अधिक लोन देकर 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की है. इस योजना ने न केवल छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता दी है, बल्कि देश में स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिला है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने भारत के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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