प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) 8 अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी. इस योजना ने भारत में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले एक दशक में पड़े पैमाने पर इस योजना से रोजगार का भी सृजित हुआ है. SKOCH Group द्वारा प्रकाशित “Outcomes of ModiNomics 2014-24” रिपोर्ट में रोजगार आंकड़े सामने आए हैं. जिसके अनुसार इस योजना के तहत 2014 से 2024 के बीच हर साल औसतन 2.52 करोड़ रोजगार सृजित हुए हैं. इस योजना ने छोटे शहरों और गांवों तक व्यापार बढ़ाने में मदद की है.
साल दर साल रोजगार सृजन (2014–2024)
वित्तीय वर्ष अनुमानित रोजगार सृजन (करोड़ में)
2014-15 2.52
2015-16 2.52
2016-17 2.52
2017-18 2.52
2018-19 2.52
2019-20 2.52
2020-21 2.52
2021-22 2.52
2022-23 2.52
2023-24 2.52
कुल 25.20
एसकेओसीएच की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2015 से 2018 के बीच, योजना के माध्यम से सृजित रोजगारों में 62% महिलाएं थीं. इस प्रकार, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने पिछले एक दशक में भारत में रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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