नई दिल्ली। लालियानजुआला छांगटे भारतीय फुटबॉल टीम के लिए प्रमुख खिलाड़ी हैं और कतर में खेले जाने वाले एएफसी एशियन कप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आईएसएल गोल्डन बॉल विजेता ने 10 गोल करने के अलावा छह में सहायता प्रदान करके सबको प्रभावित किया है, जिससे मुम्बई सिटी एफसी को पिछले सीजन में लीग विजेता शील्ड हासिल करने में मदद मिली थी। उन्हें 2022-23 के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) प्लेयर ऑफ द ईयर नामित किया गया था और ब्लू टाइगर्स के लिए खेले 32 मैचों में उनके सात गोल से पता चलता है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता पाने के लिए कितने बेताब हैं।
छांगटे को एशियन कप खेलने वाली अपनी टीम पर पूरा भरोसा है, जो कि ग्रुप चरण में ऑस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान और सीरिया जैसी उच्च रैंकिंग वाली टीमों की कठिन चुनौतियों में का सामना करेगी। उन्होंने ‘इन द स्टैंड्स’ के नवीनतम एपिसोड में बातचीत के दौरान कहा कि वर्षों से एक इकाई के रूप में एक साथ खेलने के कारण टीम के अंदर प्रभावशाली ढंग से लड़ने की भावना पैदा हुई है।
उन्होंने इंडियन सुपर लीग के ‘इन द स्टैंड्स’ शो में कहा, “जब राष्ट्रीय टीम की बात आती है, तो आप 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। लिहाजा, आप अपना ध्यान कहीं और केंद्रित नहीं कर सकते हैं। आपको ट्रेनिंग के दौरान मैदान और जिम दोनों में ध्यान केंद्रित करना होगा, विशेष रूप से मैचों से पहले। तो इसके लिए माहौल बढ़िया चाहिए, जो कि अच्छा है। हम तीन-चार साल से साथ हैं और यह एक बेहतरीन टीम है। हमने एक-दूसरे से बहुत सारी चीजें सीखी हैं, इसलिए हम इनका मैच में प्रयोग करते हैं। हम एक-दूसरे और पूरे देश के लिए जूझते-लड़ते हैं।”
छांगटे मिजोरम के लुंगलेई के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने पुणे स्थित डीएसके शिवाजियन्स के साथ अपने पेशेवर फुटबॉल करियर की शुरुआत की, इसके बाद आईएसएल में नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, दिल्ली डायनामोज एफसी और चेन्नइयन एफसी के लिए खेले। इसके बाद वह जनवरी 2022 में लोन पर आइलैंडर्स के साथ जुड़ गए और सीजन 2022-23 में उनके इस ट्रांसफर अनुबंध पर मुहर लगी। छांगटे के माता-पिता पेशे से शिक्षक हैं, लेकिन उन्होंने एक पेशेवर फुटबॉलर बनने के उनके सपने पर भरोसा किया, जिसके लिए वह अपने अभिभावकों को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने बताया कि वास्तव में बहुत कम खिलाड़ी उत्तर-पूर्व के राज्य मिजोरम से देश की शीर्ष स्तरीय लीग तक पहुंचे हैं, और इसलिए इस लीग में खेलने का सपना देखने की हिम्मत करने का उनका निर्णय वास्तव में बहुत जोखिमपूर्ण था।
छांगटे ने कहा, “मैं जहां से आया हूं, अगर वहां पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मैं निश्चित रूप से अभी एक सपना जी रहा हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के सर्वश्रेष्ठ क्लबों में से एक के लिए खेलूंगा। उस समय देश का प्रतिनिधित्व करना सिर्फ एक सपना था। मेरे पिताजी और मेरे दादाजी फुटबॉल के बहुत बड़े प्रशंसक थे। इसलिए फुटबॉल खेलना कभी कोई समस्या नहीं थी, लेकिन पेशेवर फुटबॉलर बनना एक बड़ी चुनौती थी। हमारे मिजोरम से जेजे (लालपेखलुआ) और रिकी लालमवामवा जैसे पेशेवर फुटबॉल खेलने वाले बहुत कम खिलाड़ी हुए हैं। इसलिए, एक पेशेवर फुटबॉलर बनने और खेलने का निर्णय लेना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण और बहुत जोखिम भरा था।”
26 वर्षीय विंगर डायनामोज के साथ अपने खेलने के दौरान एक अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ी थे, जिसने फ्लैंक पर अपनी तेज-तर्रार गति से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था। हालांकि, चेन्नइयन एफसी के साथ जुड़ाव के बाद वह वास्तव में एक कदम आगे बढ़ गए और मैदान के फाइनल थर्ड में अपने आकर्षक खेल के कारण प्रशंसकों के पसंदीदा खिलाड़ी बन गए। छांगटे अब मरीना माचान्स के प्रिय बन चुके थे, क्योंकि उसके पास देश की सबसे होनहार प्रतिभाओं में से एक की मेजबानी का सम्मान था। उनको क्षमताओं को निखारने में वर्तमान मुख्य कोच ओवेन कॉयल की बड़ी भूमिका थी, जिससे एक बेहतर खिलाड़ी बनने के बाद उन्होंने सात गोल करते हुए टीम को आईएसएल 2019-20 के फाइनल में पहुंचने में मदद की थी।
छांगटे का मानना है कि कॉयले ने उनके साथ कड़ी मेहनत करने और टीम की बेहतरी के लिए काम करने की इच्छा दिखाई, जिससे उनको खिलाड़ी के तौर पर इस कोच के साथ अच्छी तरह से जुड़ने में मदद मिली।
वर्तमान में चल रहा आईएसएल सीजन छांगटे के लिए आत्मचिंतन वाला रहा है, क्योंकि वह न केवल एक बार फिर से अपना सर्वश्रेष्ठ फॉर्म पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं बल्कि मुम्बई सिटी एफसी में कोचिंग स्टाफ में हुए बदलाव को लेकर भी जूझ रहे हैं। उन्होंने अब तक अपने खेले 11 मैचों में दो गोल करने के अलावा और दो में सहायता प्रदान की है, लेकिन अपने पूर्व क्लब चेन्नइयन एफसी के खिलाफ पिछले लीग मैच में गोल करके वह अपना फॉर्म पा चुके हैं और इसके साथ वह एशियाई कप में उतरेंगे। फिर भी, भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद होगी कि वह हर तरह की परेशानियों और चिंताओं को दूर करके अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और महाद्वीपीय टूर्नामेंट में भारतीय टीम को वांछित परिणाम प्राप्त करने में मदद करेंगे।
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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