देहरादून: आपदा प्रभावित केदार घाटी से दो दिनों में अब तक 10715 तीर्थयात्री सुरक्षित निकाले जा चुके हैं. इसमें 1460 यात्री हेली रेस्क्यू तो 9255 यात्री मैनुअल रेस्क्यू कर निकाले गए. वहीं केदार घाटी, भीमबली और गौरी कुंड में लगभग डेढ़ हजार तीर्थयात्री अभी फंसे हुए हैं. सभी को सुरक्षित निकालने के लिए मैनुअल रेस्क्यू जारी है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के ड्यूटी आफिसर एवं अनु सचिव राजेश कुमार की ओर से शुक्रवार की शाम जारी रिपोर्ट के अनुसार आपदा प्रभावित रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदार घाटी से गत एक अगस्त गुरुवार को 737 तीर्थयात्री हेली रेस्क्यू तो पांच हजार यात्री मैनुअल रेस्क्यू से सुरक्षित निकाले गए थे. फिर, दो अगस्त शुक्रवार को केदार घाटी से 723 यात्री हेली रेस्क्यू तो 4255 यात्री मैनुअल रेस्क्यू से निकाले गए. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार अभी केदारनाथ में 500-600, भीमबली में 200-250 व गौरी कुंड में लगभग 500 यात्री फंसे हुए हैं. शुक्रवार को हेली रेस्क्यू कर लिनचोली से एक अज्ञात शव व एक गंभीर घायल व्यक्ति को शेरशी हेलीपैड पर लाया गया. शव पुलिस को सौंप दिया गया है.
खराब मौसम के चलते उड़ान नहीं भर पा रहे हेलीकॉप्टर
केदार घाटी में खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. ऐसे में शुक्रवार की दोपहर पौने तीन बजे से हेली रेस्क्यू बंद है. मौसम ठीक होते ही हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे और रेस्क्यू में जुटेंगे. आपदा में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए राज्य सरकार के पांच हेलीकॉप्टर समेत वायुसेना के एमआई-17 व चिनूक हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में जुटे हैं. वहीं केदारनाथ धाम यात्रा पड़ावों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ व वाईएमडी समेत अन्य सभी टीमें मैनुअल रेस्क्यू में जुटी हुई हैं.
ड्रोन से यात्रा मार्ग की मॉनिटरिंग, नदी किनारे वैकल्पिक मार्गों से मैनुअल और पहाड़ों पर रोप रेस्क्यू
पहाड़ी मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण एसडीआरएफ ने ड्रोन के माध्यम से अन्य वैकल्पिक मार्गों की कार्ययोजना बनाई है. एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार अन्य वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए जाने के लिए एसडीआरएफ टीम प्रयासरत् है. साथ ही यात्रियों की वस्तुस्थिति पर भी नजर रखी जा रही है. नदी के किनारे-किनारे वैकल्पिक मार्गों से होते हुए यात्रियों को पूर्ण सुरक्षित तरीके से राेप रेस्क्यू कर सोनप्रयाग लाया जा रहा है. वहीं लिंचोली में रुके यात्रियों को भी हेलीपैड पहुंचाया जा रहा है, फिर हेलीकाॅप्टर के माध्यम से उन्हें वहां से निकाला जा रहा है.
पेश की ईमानदारी की मिसाल
यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू करने के साथ एसडीआरएफ की टीम ने ईमानदारी की मिसाल भी कायम की है. दरअसल, एसडीआरएफ टीम काे थारू कैंप लिनचोली के पास किसी महिला का पर्स प्राप्त हुआ था, जिसमें 70 से 80 हजार रुपये, मोबाइल व अन्य सामग्री थी. पर्स की जांच करने पर पता चला कि पर्स दिल्ली निवासी पूजा कश्यप का है. एसडीआरएफ के एसआई प्रेमप्रकाश ने महिला के परिजनों से संपर्क कर पर्स वापस किया. खाेजबीन के दौरान एसडीआरएफ टीम को प्राप्त अन्य दो पर्स भी जिला पुलिस को सौंपे गए.
हिन्दुस्थान समाचार
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