नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट देश के जैव प्रौद्योगिकी परिदृश्य में एक निर्णायक क्षण है. इस प्रोजेक्ट की मदद से हम देश में डायवर्स जेनेटिक रिसोर्स बनाने में सफल हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश के माध्यम से जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारत ने शोध की दुनिया में बहुत ही ऐतिहासिक कदम उठाया है. पांच साल पहले जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट को स्वीकृत किया गया था. इस बीच कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है.
PM मोदी ने कहा कि इस शोध में आईआईएससी, आईआईटी, सीएसआईआर और डीबीटी-ब्रिक जैसे 20 से अधिक प्रतिष्ठित शोध संस्थानों ने प्रमुख भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि 10 हजार भारतीयों के जीनोम अनुक्रमों (सीक्वेंसिंग) से युक्त डेटा अब भारतीय जैविक डेटा केंद्र में उपलब्ध है. PM मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी और उन्होंने परियोजना से जुड़े सभी हितधारकों को बधाई दी.
#WATCH | PM Modi says, "Today India has taken a historic step in the world of research. Five years ago the Genome India Project was approved. Inspite of the challenges posed by the covid, our scientists have completed the project. I am very happy that more than 20 research… pic.twitter.com/MvQj0TDQab
— ANI (@ANI) January 9, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट भारत की जैव-प्रौद्योगिकी क्रांति का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. इस प्रोजेक्ट की मदद से हम देश में एक विविध आनुवंशिक संसाधन बनाने में सफल हुए हैं. इस परियोजना में 10 हजार लोगों का जीनोम अनुक्रमण किया गया है. यह डेटा अब वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को भारत के आनुवंशिक परिदृश्य को समझने में मदद करेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह जानकारी देश के लिए नीति-निर्माण और योजना बनाने में बहुत सहायक होगी.
#WATCH | PM Narendra Modi says, "Genome India Project is an important milestone of the Biotechnology revolution. We have been successful in creating a diverse Genetic Resource. In this project genome sequencing of 10,000 people has been done…This data will help the scholars,… pic.twitter.com/WgayH4SAs2
— ANI (@ANI) January 9, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि रोगों की प्रकृति बहुत भिन्न होती है, जिससे प्रभावी उपचार निर्धारित करने के लिए जनसंख्या की आनुवंशिक पहचान को समझना आवश्यक हो जाता है. उन्होंने आदिवासी समुदायों में सिकल सेल एनीमिया की महत्वपूर्ण चुनौती और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय मिशन पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि समस्या अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न हो सकती है और भारतीय आबादी के अद्वितीय जीनोमिक पैटर्न को समझने के लिए एक संपूर्ण आनुवंशिक अध्ययन आवश्यक है. मोदी ने कहा कि यह समझ विशेष समूहों के लिए विशिष्ट समाधान और प्रभावी दवाइयां विकसित करने में मदद करेगी. इसका दायरा बहुत व्यापक है और सिकल सेल एनीमिया सिर्फ एक उदाहरण है. भारत में कई आनुवंशिक बीमारियों के बारे में जागरुकता की कमी है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाती हैं और जीनोम इंडिया परियोजना भारत में ऐसी सभी बीमारियों के लिए प्रभावी उपचार विकसित करने में सहायता करेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में जैव प्रौद्योगिकी और बायोमास का संयोजन जैव अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बनाता है. जैव अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राकृतिक संसाधनों का इष्टतम उपयोग, जैव-आधारित उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में नए रोजगार के अवसरों का सृजन करना है. जैव अर्थव्यवस्था सतत विकास और नवाचार को गति देती है. पिछले एक दशक में भारत की जैव अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है, जो 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर आज 150 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है. भारत अपनी जैव अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास कर रहा है और हाल ही में उसने जैव ई3 नीति शुरू की है. इस नीति के विजन पर बात करते हुए मोदी ने कहा कि यह भारत को आईटी क्रांति की तरह वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अग्रणी के रूप में उभरने में मदद करेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, लाखों भारतीयों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया है. जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 80 प्रतिशत छूट पर दवाइयां उपलब्ध कराई हैं और आधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है. प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत के फार्मा इकोसिस्टम ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी ताकत साबित की है. भारत के भीतर दवा निर्माण के लिए एक मज़बूत आपूर्ति और मूल्य शृंखला स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. जीनोम इंडिया परियोजना इन प्रयासों को और तेज़ करेगी और ऊर्जा देगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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