नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के जाटों को उनका हक नहीं दिया और अब दिल्ली में भ्रम की राजनीति कर रही है. दिल्ली का जाट इस बात को समझ चुका है कि उनको केजरीवाल सरकार के कारण ही आरक्षण नहीं मिला है. शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत ने पूछा कि आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार के 10 वर्षों के दौरान केजरीवाल ने जाट आरक्षण की बात क्यों नहीं की? अरविन्द केजरीवाल बताएं कि जाट समाज के किसी किसान परिवार में जन्मे व्यक्ति को उन्होंने राज्यसभा क्यों नहीं भेजा?
#WATCH | Delhi | On AAP's National Convenor Arvind Kejriwal's demand to include the Jaat community in the central OBC list, BJP MP Kamaljeet Sehrawat says, "… For the last 10 years, the government which was in power in Delhi with a complete majority did not raise this issue in… pic.twitter.com/epnyC2GV3d
— ANI (@ANI) January 10, 2025
भाजपा सांसद सेहरावत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस विषय को लेकर दिल्ली विधानसभा में कोई चर्चा ही नहीं की. दिल्ली का जाट इस बात को समझ चुका है कि उनको आप सरकार के कारण ही आरक्षण नहीं मिला है. जब भाजपा सत्ता में नहीं थी, तब भी भाजपा ने कई बार केंद्र की यूपीए सरकार से दिल्ली को आरक्षण देने की मांग की थी. जाटों का केंद्रीय आरक्षण में शामिल न होने का एकमात्र कारण दिल्ली में 10 वर्षों से रही अरविंद केजरीवाल की सरकार है. 5 जनवरी को अचानक चिट्ठी लिखकर इस विषय को उठाया गया. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह नाटक बंद कर देना चाहिए, क्योंकि उनकी ही सरकार ने इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया. मात्र चिट्ठी लिखने से आरक्षण नहीं मिलता है, यह देश के संविधान में अंकित है.
इस मौके पर कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने जगदीप धनखड़ जी का उपहास किया और अरविन्द केजरीवाल के सांसद भी उनका मजाक उड़ाने में शामिल थे. यह पूरे जाट समाज का अपमान था. कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के वादे मात्र चुनावी जुमले हैं, वे जब भी किसी मुद्दे पर फंसते हैं, तो दिल्ली की जनता को गुमराह करने का प्रयास करते हैं. जनता इनके चुनावी जुमलों को पहचान चुकी है और इन्हें करारा जवाब देगी. किसी भी वर्ग और जाति को आरक्षण देने के लिए सबसे पहले विधानसभा में प्रस्ताव को पारित कराना होता है, जिसके बाद कैबिनेट नोट तैयार किया जाता है. उस कैबिनेट नोट को केंद्र सरकार के पास भेजकर, निवेदन किया जाता है कि इस जाति या वर्ग को आरक्षण प्रदान किया जाए.
#WATCH | Delhi | On AAP's National Convenor Arvind Kejriwal's demand to include the Jaat community in the central OBC list, NDMC chairman Kuljeet Singh Chahal says, "… Jaat reservation is Arvind Kejriwal's election slogan. Today when Delhi's AAP government is on a ventilator,… pic.twitter.com/iCzxVL2vAs
— ANI (@ANI) January 10, 2025
भाजपा नेता कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि जाट आरक्षण अरविन्द केजरीवाल का चुनावी जुमला है. आज जब दिल्ली की आप सरकार वेंटिलेटर पर है, जब स्वयं इनके नेता बेल पर बाहर हैं तो जाट आरक्षण का चुनावी जुमला छोड़ रहे हैं. पिछले 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जाटों के लिए कोई कार्य नहीं किया है.
हिन्दुस्थान समाचार
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