भोपाल: नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड-2025 के लिए मध्य प्रदेश की झाँकी बनकर तैयार हो गई है. यह झाँकी “चीता द प्राइड ऑफ इण्डिया’’ की थीम पर केन्द्रित होगी. झाँकी में मध्य प्रदेश में चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना की झलक दिखेगी. यह जानकारी बुधवार को जनसम्पर्क अधिकारी संजय सक्सेना ने दी.
उन्होंने बताया कि भारत से 70 वर्ष पूर्व चीते विलुप्त हो चुके थे. भारत में चीतों की वापसी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को जाता है. प्रदेश में चीता परियोजना की सफलता के साथ अब मध्य प्रदेश “टाइगर स्टेट’’ और “चीता स्टेट’’ भी बन गया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो नदी के किनारे स्थित राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य देश में चीतों का एक नया घर है. अभयारण्य में चीतों के लिये उचित आहार और प्राकृतिक आवास मौजूद हैं. पुनर्स्थापना की सफल परियोजना के परिणाम स्वरूप कूनो में वयस्क और शावक सहित कुल 24 चीते अभयारण्य में विचरण कर रहे हैं.
प्रदर्शनी का चित्रण
जनसम्पर्क अधिकारी सक्सेना ने बताया कि प्रस्तुत झाँकी में भारत में चीतों के सफल पुनर्स्थापन को दर्शाया गया है. अग्रभाग में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वयस्क चीतों का जोड़ा और कूनो में जन्मे नन्हें चीता शावकों को दर्शाया गया है. झाँकी के मध्य भाग में बहती हुई कूनो नदी और इसके आसपास राष्ट्रीय उद्यान के वनावरण एवं प्राकृतिक आवास में विचरण करते हुए वन्य-जीव, जिनमें हिरण, बंदर, पक्षी और चीते उनकी बढ़ती हुई संख्या के साथ जैव-विविधता के लिये एक आदर्श के रूप में कूनो अभयारण्य को दर्शाया गया है.
उन्होंने बताया कि झाँकी के मध्य भाग के पिछले हिस्से में पेड़ के नीचे बैठे “चीता मित्र’’ स्थानीय निवासियों को चीता संरक्षण के बारे में प्रशिक्षित कर रहे हैं. झाँकी के अंतिम भाग में वनकर्मी वाच-टॉवर से चीतों की निगरानी करते दिखाई दे रहे हैं, जो सफल चीता परियोजना में सक्रिय योगदान दे रहे हैं. झाँकी के दोनों ओर एलईडी पेनल्स के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों पर केन्द्रित फिल्म को भी प्रदर्शित किया जा रहा है. झाँकी के दोनों ओर नृत्य दल श्योपुर जिले का सहरिया जनजाति नृत्य “लहंगी’’ करते हुए नजर आयेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार
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