प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ओडिशा नये भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है. प्रधानमंत्री भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे.
Addressing the Utkarsh Odisha Conclave in Bhubaneswar. The programme showcases the state’s immense potential as a thriving hub for investment and business opportunities. https://t.co/Dli4XI90oD
— Narendra Modi (@narendramodi) January 28, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 में यह ओडिशा की उनकी दूसरी यात्रा है. उन्होंने कहा कि उत्कर्ष ओडिशा राज्य में अब तक का सबसे बड़ा व्यापार सम्मेलन है. इसमें पांच से छह गुना अधिक निवेशक भाग ले रहे हैं. उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए राज्य के लोगों और ओडिशा सरकार को बधाई दी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानते हैं और ओडिशा की इसमें बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है, जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की बड़ी हिस्सेदारी थी, तब पूर्वी भारत का अहम योगदान था. पूर्वी भारत में देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब थे, बड़े पोर्ट्स थे, ट्रेड हब थे. ओडिशा साउथ ईस्ट एशिया में होने वाले ट्रेड का प्रमुख सेंटर हुआ करता था. यहां के प्राचीन पोर्ट्स एक प्रकार से भारत के गेट-वे हुआ करते थे.
उन्होंने कहा कि ओडिशा असाधारण है. ओडिशा नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है. ओडिशा में अवसर भी है और यहां के लोगों ने हमेशा आउटपरफॉर्म करने का जुनून दिखाया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ओडिशा की बड़ी भूमिका है. ओडिशावासियों ने ‘समृद्ध ओडिशा’ के निर्माण का संकल्प लिया है. इस संकल्प की सिद्धि के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग मिल रहा है. ओडिशा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. आज भारत का फोकस है: भारत में शादी. आज भारत का मंत्र है: भारत में हीलिंग. इसके लिए ओडिशा की प्रकृति और यहां की प्राकृतिक सुंदरता बहुत उत्साहवर्धक है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के आर्थिक विस्तार में दो बड़े खिलाड़ी हैं – पहला- हमारा अभिनव सेवा क्षेत्र और दूसरा- भारत के गुणवत्तापूर्ण उत्पाद. उन्होंने कहा कि केवल कच्चे माल के निर्यात से तीव्र विकास संभव नहीं है। हम पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बदल रहे हैं, भारत प्रवृत्ति बदल रहा है, क्योंकि यह मोदी को स्वीकार्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में ओडिशा इतिहास को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार है. हाल ही में सिंगापुर के राष्ट्रपति ओडिशा आए थे. वे ओडिशा के साथ संबंधों को लेकर उत्साहित हैं. आसियान देशों ने ओडिशा के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने में रुचि दिखाई है। मैं अपने सीएम द्वारा कही गई बात को दोहराना चाहता हूं, ‘यही समय है, सही समय है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के समय में अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता है. सरकार अनुसंधान के लिए एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए काम कर रही है और इसके लिए एक विशेष कोष भी बनाया गया है. उद्योगों को आगे आना चाहिए और सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए, यह सभी की अपेक्षा है.
उन्होंने कहा कि आज भारत करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है. यह एआई का युग है और हर कोई एआई के बारे में बात कर रहा है. हालांकि, भारत की आकांक्षा, सिर्फ एआई नहीं, हमारे देश की शक्ति है. आकांक्षा तब बढ़ती है, जब लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं. पिछले दशक में देश ने करोड़ों लोगों को सशक्त बनाने का लाभ देखा है. ओडिशा उसी आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है. ओडिशा उत्कृष्ट है और नए भारत की मौलिकता और आशावाद का प्रतिनिधित्व करता है. ओडिशा में अवसर है और ओडिशा के लोगों ने बेहतर प्रदर्शन करने की भावना का प्रदर्शन किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के लिए यह युग कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का है. भारत अभूतपूर्व गति और पैमाने पर विशेषीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है. यह भारत को निवेश के लिए एक बेहतरीन गंतव्य बनाएगा. पूर्व और पश्चिम के समुद्र तट को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है. भारत का एक बड़ा हिस्सा, जो पहले ज़मीन से घिरा हुआ था, अब समुद्र तक पहुंच पा रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार
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