“बजट” शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द “बुल्गा” (Bougette) से हुई है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला. “बुल्गा” से फ्रेंच में “बोऊगेट” (Bougette) बना. “बोऊगेट” से अंग्रेजी में “बोगेट” (Boget) बना. “बोगेट” से “बजट” (Budget) शब्द के रूप में प्रचलित हुआ. पहले के समय में वित्त मंत्री चमड़े के थैले में बजट दस्तावेज लेकर आते थे, इसलिए इस प्रक्रिया को बजट पेश करना कहा जाता था.
लंबी चली चमड़े के लाल बैग की परंपरा
ब्रिटिश शासनकाल में, जब सरकार अपनी आय और व्यय की जानकारी देती थी, तो बजट दस्तावेजों को चमड़े के लाल बैग (Red Leather Briefcase) में लाया जाता था. यह परंपरा “बजट” शब्द की उत्पत्ति से जुड़ी थी, क्योंकि फ्रेंच शब्द “Bougette” (थैला) से ही बजट शब्द आया है. 2019 में इस परंपरा को बदला गया. भाजपा सरकार के दौरान निर्मला सीतारमण ने इस प्रथा को खत्म किया. चमड़े के बैग की जगह “बही-खाता” (लाल कपड़े में लिपटा दस्तावेज) लेकर आईं. इसके बाद बजट डिजिटल हो गया और अब इसे टैबलेट पर पेश किया जाता है.
पहले शाम में पेश होता था बजट
ब्रिटिश काल में बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे हुआ करता था. इसका कारण था कि अधिकारी रात भर बजट पर काम करते थे और उन्हें थोड़ी राहत और आराम की आवश्यकता होती थी. 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में प्रकाशित होता था, लेकिन 1955-56 से इसे हिंदी में भी प्रकाशित किया जाना शुरू किया गया.
सबसे पहले कब हुआ बजट पेश?
ब्रिटिश शासनकाल में भारत में पहली बार बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था. इस बजट को ब्रिटिश सरकार के अधिकारी जेम्स विल्सन ने पेश किया था, जो एक स्कॉटलैंड के इकोनोमिस्ट थे.
भारत में कब हुआ बजट पेश?
स्वतंत्रता के बाद भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को आरके शानमुगम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था. आरके शानमुगम चेट्टी भारत के पहले वित्त मंत्री थे और उनका जन्म 1892 में हुआ था. चेट्टी एक वकील, राजनेता, और अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय वित्तीय नीति के प्रारंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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