नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए गुरुवार को पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए कुल 10,147 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. पिनाका के लिए इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (ईईएल) और म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके अलावा शक्ति सॉफ्टवेयर में अपग्रेड के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ सौदा किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 29 जनवरी को इस सौदे के लिए मंजूरी दी थी.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका रॉकेट और लॉन्चरों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सेना ने चार पिनाका रेजिमेंट को शामिल किया है, जिनमें से कुछ लॉन्चर चीन के साथ उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी तैनात किए गए हैं. सरकार ने देश की उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर छह पिनाका रॉकेट रेजिमेंट बनाने का फैसला किया है. लम्बी दूरी तक मार करने के लिए फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 45 किलोमीटर है, जबकि हवाई हथियारों को 37.5 किमी. की दूरी तक लॉन्च किया जा सकता है. इसका लॉन्चर सिर्फ 44 सेकेंड में 12 पिनाका रॉकेट्स दागने में सक्षम है.
रक्षा मंत्रालय ने आज पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए एरिया डेनियल म्यूनिशन (एडीएम) टाइप-1 (डीपीआईसीएम) और हाई एक्सप्लोसिव प्री फ्रैगमेंटेड (एचईपीएफ) एमके-1 (एन्हांस्ड) रॉकेट की खरीद के लिए इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (ईईएल) और म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इन रॉकेटों की कुल लागत 10,147 करोड़ रुपये है.
रक्षा मंत्रालय आज ही शक्ति सॉफ्टवेयर में अपग्रेड के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ सौदा किया गया है. इन तीनों अनुबंधों पर नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए. इसमें उच्च विस्फोटक और क्षेत्र निषेध हथियार शामिल हैं.
हाल ही में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से मिली मंजूरी पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए मिली है. इस परियोजना को नागपुर की रॉकेट निर्माता कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज और पूर्व आयुध निर्माणी बोर्ड की कंपनी म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) के बीच विभाजित किया गया है. डीआरडीओ पहले से ही पिनाका रॉकेट के 120 किलोमीटर के मारक संस्करण को बनाने के उन्नत चरणों में है और अगले वित्तीय वर्ष में इसका पहला परीक्षण किए जाने की उम्मीद है.
सीसीएस से मंजूरी मिलने वाले रॉकेटों की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है और ये पाकिस्तान तथा चीन सीमा पर बहुत प्रभावी हो सकते हैं. सेनाध्यक्ष जनरल द्विवेदी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पिनाका के लंबी दूरी के संस्करण तैयार होने के बाद सेना अन्य वैकल्पिक हथियारों की योजना छोड़ सकती है. पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम पहले ही निर्यात क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल कर चुका है, क्योंकि इसे आर्मेनिया ने खरीद लिया है और फ्रांस सहित कई यूरोपीय देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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