भारतीय संस्कृति हमें आपस में प्यार और भाईचारे से रहना सिखाती है. जीवों पर दया और प्रकृति से प्रेम यह हमारी संस्कृति की विशेषता है. ऊंच-नीच से परे दुनिया को मानवता का संदेश देती हमारी संस्कृति के संपर्क में जो आता है वो उसी का कायल हो जाता है. जी हां एक यूरोपीय व्यक्ति भारत घूमने आया लेकिन यहां उससे कई ऐसी बातें सिखी जिसकी वजह से उसका जीवन बदल गया. उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने भारतीय यात्रा के अनुभवों और यहां से सिखी गई 10 महत्वपूर्ण बातों को साझा किया है.
बता दें इस शख्स का नाम निक हुनो (@NikHuno) है. उन्होंने बताया कि भारत में उनके अनुभवों ने किस तरह उनकी पश्चिमी मानसिकता को “चकनाचूर” कर दिया.
निक हुनो ने अपने तस्वीर पोस्ट कर लिखा नीचे लिखा कि “मैं यूरोपीय हूं. पिछले साल मैं भारत आया. मैंने जो अनुभव किया, उसने मेरी पश्चिमी मानसिकता को तोड़ दिया. भारत में 10 जीवन-परिवर्तनकारी सबक मैंने सीखे और जिन्होंने दुनिया को देखने के मेरे नजरिए को बदल दिया.”
I’m European.
Last year, I moved to India.
What I experienced shattered my Western mindset.
Here are 10 life-changing lessons I learned in India that reshaped how I see the world: pic.twitter.com/gcdxm5ffHu
— NIK HUNO
(@NikHuno) February 5, 2025
1. ‘जीवन समय-सारिणी का पालन नहीं करता’
निकल हुनों ने लिखा टाइम को लेकर लिखा कि भारतीय रेलगाड़ियाँ 12 घंटे से ज़्यादा देरी से चल सकती हैं, फिर भी कोई घबराता नहीं है. मैंने सीखा कि जीवन हमेशा एक शेड्यूल का पालन नहीं करता है. कभी-कभी, सबसे अच्छे पल तब होते हैं जब आप भागना बंद कर देते हैं और समय को अपनी लय खोजने देते हैं.
2. ‘बाधाएं कोई लिमिटेशन नहीं हैं’
हुनो ने बताया कि हम न्यूनतम संसाधनों के साथ अपने उद्देश्य को कैसे प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने लिखा, “अभाव, प्रतिभा को जन्म देता है. किसान रेगिस्तान में फसल उगाते हैं. सड़क किनारे के विक्रेता वॉल स्ट्रीट के व्यापारियों की तरह मोल-भाव करते हैं. उन्होंने कहा कि बाधाएं कोई लिमिटेशन नहीं हैं.”
3. ‘काम ही पूजा है’
भारत की कार्य संस्कृति के बारे में हुनो ने कहा कि यहां लोग अपने काम के प्रति समर्पित हैं और इसे पूरी निष्ठा से करते हैं. उन्होंने लिखा कि “काम पवित्र होना चाहिए, पश्चिम में काम को सजा की तरह माना जाता है. भारत में, सड़क किनारे सामान बेचने वाले भी अपने काम में पूरी निष्ठा दिखाते हैं.
4. ‘स्थिति अदृश्य है’
निक हुनो लिखते हैं, “स्थिति अदृश्य है: नंगे पांव चलने वाले साधुओं को सीईओ से अधिक सम्मान मिलता है. इसने मुझे यह सवाल करने पर मजबूर कर दिया: मैं जीवन में वास्तव में किसका पीछा कर रहा हूं?
5. ‘अव्यवस्था एक व्यवस्था है’
निक बताते हैं कि कभी-कभी जो अव्यवस्थित दिखता है, उसकी अपनी लय और तर्क होता है, “अव्यवस्था एक व्यवस्था है, मुंबई की सड़कें अव्यवस्थित दिखती हैं, फिर भी वे प्रतिदिन 20 मिलियन लोगों को ले जाती हैं. मैंने सीखा कि जो अव्यवस्थित दिखता है, उसकी अक्सर अपनी लय और तर्क होता है”
6. ‘कम ज़रूरतों के बारे में’
निक ने बताया कि एक सड़क विक्रेता 5 सेंट के लिए चाय परोसता है लेकिन अपने समय का मालिक है. मुझे एहसास हुआ कि स्वतंत्रता अधिक होने के बारे में नहीं है, यह कम की आवश्यकता के बारे में है.
7. ‘उद्देश्य की स्पष्टता के बारे में’
इसके बाद, निक उद्देश्य की स्पष्टता पर प्रकाश डालते हैं, कैसे एक साझा उद्देश्य भारत की विविध संस्कृति को एक साथ लाता है. उन्होंने लिखा, ‘शोर सत्य को उजागर करता है, भारत में 780 भाषाएं हैं, लेकिन एक साझा उद्देश्य उन्हें एकजुट करता है. मैंने सीखा कि उद्देश्य की स्पष्टता सभी बाधाओं, यहां तक कि भाषा को भी पार कर जाती है.’
8. ‘प्रकृति के प्रति सम्मान’
निक लिखते हैं, “प्रकृति पवित्र है: गंगा जैसी नदियों का सम्मान किया जाता है, उनका सिर्फ उपयोग ही नहीं किया जाता. प्रकृति के प्रति सम्मान वैकल्पिक नहीं है – यह आवश्यक है.”
9. ‘ईमानदारी का मूल्य’
एक आकर्षक उदाहरण देते हुए निक ने ईमानदारी के मूल्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने लिखा, भारत में, लोग नकली बिल के साथ रिश्वत लेने से मना कर देते हैं, जिस पर लिखा होता है “मैं पैसे नहीं चुकाऊंगा,” यह याद दिलाता है कि असली मूल्य सिर्फ़ पैसे में नहीं है. सबसे बड़ी दौलत आपके बटुए में नहीं है – यह आपकी ईमानदारी में है”
10. ‘समुदाय की शक्ति’
निक कहते हैं, भारत में, ज़रूरत के समय अजनबी लोग भी परिवार बन जाते हैं. जुड़ाव ही जीवन और आनंद दोनों का आधार है.
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