Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ 2025 में इस बार विदेशी सैलानियों की रुचि में बड़ा बदलाव देखा गया है. पहले जहां विदेशी पर्यटक नागा साधुओं और उनके रहस्यमय जीवन को जानने के लिए आते थे, वहीं इस बार वे महाकुम्भ की स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और संपूर्ण आयोजन प्रबंधन का अध्ययन करने भी आ रहे हैं. इस बार मेले में पहले से कहीं ज्यादा विदेशी सैलानी पहुंचे और उन्होंने भारतीय संस्कृति को नजदीक से देखा और अनुभव किया.
विदेशी मेहमानों का बढ़ा रुझान, सनातन धर्म को जाना
अग्नि अखाड़े के सचिव महामंडलेश्वर संपूर्णानंद ने बताया कि इस बार कई देशों से विदेशी पर्यटक प्रयागराज आए हैं. उन्होंने यहां ब्रह्मचारी जीवन और गृहस्थ जीवन के अंतर को करीब से जाना और समझा. अब विदेशी सैलानी सिर्फ नागा साधुओं के जीवन को देखने नहीं आ रहे, बल्कि वे महाकुम्भ की व्यवस्थाओं और सनातन संस्कृति का गहराई से अध्ययन करने भी आ रहे हैं.
घाना से आए प्रतिनिधियों ने की सनातन संस्कृति की सराहना
अफ्रीका के घाना देश से आए जितेंद्र सिंह नेगी (उच्चायोग अफेयर्स, घाना) ने बताया कि उनके पूर्वज भारत से घाना गए थे और पहली बार प्रयागराज आकर उन्हें सनातन धर्म की अद्भुत जानकारी मिली. हमने पहली बार गुरुजी (अग्नि अखाड़ा महामंडलेश्वर संपूर्णानंद) से मुलाकात की और सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझा. हमारे साथ 16 अन्य प्रतिनिधि भी आए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से जाना.”
उम्मीदों से अधिक रहा अनुभव
इसी क्रम में विदेशी सैलानी अंकिता उपाध्य ने कहा कि हमने महाकुम्भ के बारे में जो सुना था, उससे कहीं अधिक यहां आकर देखा और महसूस किया. व्यवस्थाओं की सुगमता और संगम की आध्यात्मिक ऊर्जा ने हमें नई अनुभूति दी है. प्रशासन के अनुसार, महाकुम्भ 2025 में अब तक 50 से अधिक देशों के सैलानी आ चुके हैं और आगे भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है.
हिन्दुस्थान समाचार
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