केंद्र और तमिलनाडु में चल रहे भाषाई विवाद में अब एक्टर से पॉलिटिशयन बने कमल हासन भी कूद चुके हैं उन्होंने अपनी पार्टी मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) की स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि तमिलों ने एक भाषा के लिए अपनी जान गंवाई है. उन चीजों के साथ मत खेलो. कमल हासन ने कहा कि यहां के बच्चों को भी मालूम है कि उन्हें किस भाषा की जरूरत है. उन्हें अपनी भाषा चुनने की समझ है. राजनेता ने इसके साथ ही हिंदी थोपे जाने के खिलाफ संघर्ष का जिक्र किया भाषा के मुद्दों को हल्के में ना ले की चेतावनी दी.
बता दें केंद्र और राज्य के बीच ट्राई लैंग्वेज विवाद चल रहा है. शिक्ष मंत्री धमेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम को पत्र लिखकर प्रदेश में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के विरोध की आलोचन की. सीएम स्टालिन और डिप्टी सीएम उदयनिधि ने केंद्र पर हिंदी भाषा थोपने का आरोप लगाया और कहा कि जो भी राज्य हिंदू को स्वाकारते हैं, वो अपनी मातृभाषा खो देते हैं. फंड जारी नहीं करने पर तमिलों के विरोध की चेतावनी भी दी.
बता दें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हर राज्य के छात्रों को तीन भाषा सिखनी होंगी. इसमें दो भारतीय भाषा और एक अन्य भाषा होगी. गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदू दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाने का सुझाव दिया है लेकिन किसी भी भाषा को अनिवार्य नहीं किया है. तमिलनाडु में हमेशा से दो भाषी की नीति रही है. यहां तमिल और अंग्रेजी भाषा की ही शिक्षा दी जाती है.
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