हाइलाइट्स
- 6 अप्रैल 1980 को हुई थी बीजेपी की स्थापना
- 1984 में 2 लोकसभा सीटों पर जीती थी बीजेपी
- भारतीय जनता पार्टी का फर्श से अर्श तक का सफर
चार दशक पहले एक पॉलिटिकल पार्टी का उसकी खराब परफॉर्मेंस को लेकर मजाक उड़ाया जाता था. कांग्रेस उसके 2 सांसदों को लेकर तंज कसा करती थी. आज उसी दल ने भारत के राजनीतिक मानचित्र पर बड़ी छाप छोड़ी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी की. जिसके नेताओं और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत, जुझारू प्रवृत्ति और निरंतर तपस्या की बदौलत आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का गौरव प्राप्त किया है.
बीजेपी ने लगातार तीन लोकसभा चुनाव (2014, 2019, 2024) में विजय हासिल की है. इसके अलावा 14 राज्य ऐसे हैं, जहां बीजेपी अकेले अपने दम पर सत्ता में है. वहीं 4 राज्यों में अपने सहयोगियों के साथ सरकार चला रही है. लेकिन जब 45 वर्ष पहले बीजेपी की स्थापना हुई थी, उस समय पार्टी अच्छी स्थिति में नहीं थी. आइए अब आपको बताते हैं बीजेपी ने इन 45 सालों में किस तरह से फर्श से लेकर अर्श तक सफर तय किया है.
6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुई थी. उसके संस्थापक सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे. पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी ही थे. लेकिन बीजेपी के बारे में जानना है तो हमें सबसे पहले जनसंघ के बारे में समझना बहुत जरूरी है क्योंकि बीजेपी का इतिहास जनसंघ से जुड़ा हुआ है.
कैसे हुआ ‘भारतीय जनसंघ’ का निर्माण?
देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी. पूरे देश में कांग्रेस का एकतरफा शासन था. उस समय बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार चरम पर था लेकिन भारत की तत्कालीन नेहरू सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली थी. सरकार की चुप्पी से नाराज नेहरू कैबिनेट के एक मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने केंद्रीय कैबिनेट से रिजाइन कर संघ की सहायता से नए राजनीतिक दल भारतीय जनसंघ की नींव रखी. इस नई नवेली पार्टी ने कांग्रेस की नींद उड़ा दी. साल 1967 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नेतृत्व में जनसंघ ने कई राज्यों में कांग्रेस को पटखनी दी और उसके एकाधिकार को समाप्त कर जीत हासिल की.
कार्यकर्ताओं का न टूटने वाला मनोबल
यह पार्टी इतनी गरीब की थी इसका चुनाव चिंह ‘दीपक’ को दीवार पर पेंट कराने तक के लिए पैसे नहीं होते थे. लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं के पास था तो कठिन परिश्रम, ना टूटने वाला मनोबल, जिसकी बदौलत पार्टी ने चुनाव हारने के बावजूद हौसला नहीं हारा… अटल जी कहा करते थे – “हार ना मानूंगा.. हार ना मानूंगा”. ये जो हार न मानने का संकल्प है, वो वहां से यहां लाने की ताकत देता है.
जनसंघ का जनता पार्टी में विलय
1977 में आपातकाल खत्म करने के बाद इंदिरा गांधी ने जब आम चुनाव कराने की घोषणा की तो जयप्रकाश नारायण यानी जेपी के कहने पर सभी गैर-कांग्रेसी दल एक साथ आए और उन्होंने जनता पार्टी की स्थापना की. जनसंघ का विलय भी जनता पार्टी में हो गया.
जब केंद्र में पहली बार बनी गैर-कांग्रेसी सरकार
1977 के आम चुनाव में जनता पार्टी ने कांग्रेस को पछाड़ते हुए केंद्र की सत्ता हासिल की और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी. इस सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी दोनों केंद्रीय मंत्री बनाए गए. लेकिन आपसी मतभेदों के चलते पार्टी का कॉन्सेप्ट फेल हो गया. सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई. 2 साल 126 दिनों में सरकार गिर गई. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि इन दलों के दलदल में नया कमल खिलाना है. 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी अस्तित्व में आई.
1984 में बीजेपी को मिली 2 सीटें
अपनी स्थापना के 4 साल बाद साल 1984 में लोकसभा का चुनाव हुआ और बीजेपी ने पहली बार अपने दम पर केवल 2 सीटें हासिल की. इस चुनाव में तेलंगाना के हनामकोंडा से जी. नारायण रेड्डी और गुजरात के मेहसाना से एके पटेल चुनाव जीतने में सफल रहे. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद यह पहला चुनाव था तो इस चुनाव में कांग्रेस को सहानुभूति वोट भी मिले थे.
इन राज्यों में पहली बार बनाई पूर्ण बहुमत की सरकार
बीजेपी ने साल 1989 में कई राज्यों में गठबंधन की सरकारें बनाई. लेकिन पार्टी को पूर्ण बहुमत तो 1990 में मिला. जब पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में अपने बलबूते पर सरकार बनाई.
केंद्र में पहली बार बीजेपी की सरकार
बीजेपी ने केंद्र स्तर पर 13 मई 1996 को अपनी सरकार बनाई. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार सिर्फ 13 दिन ही चल पाई. इसके बाद 1998 में बीजेपी ने NDA के सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाई. यह सरकार दुर्भाग्यवश महज 1 साल में गिर गई. साल 1999 में फिर से एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला और इस बार बीजेपी सरकार ने अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.
बीजेपी: लोकसभा चुनावों में कब कितनी सीटें मिलीं?
1984: 2 सीटें
1989: 85 सीटें
1991: 120 सीटें
1996: 161 सीटें
1998: 182 सीटें
1999: 182 सीटें
2004: 138 सीटें
2009: 116 सीटें
2014: 282 सीटें
2019: 303 सीटें
2024: 240 सीटें
तीन बार लगातार केंद्र में जीत
बीजेपी ने साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत के साथ विजय हासिल की. इसके बाद 2019 में भी पार्टी ने अपना रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहले से ज्यादा संख्याबल के साथ सरकार बनाई. 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी बहुमत का आंकड़ा तो नहीं छू सकी लेकिन 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी बनकर उभरी और एनडीए के सहयोगियों के साथ स्थायी सरकार बनाई.
इन राज्यों में बीजेपी की सरकार और मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश- योगी आदित्यनाथ
गुजरात- भूपेंद्र पटेल
मध्य प्रदेश- डॉ. मोहन यादव
राजस्थान- भजनलाल शर्मा
छत्तीसगढ़- विष्णु देव साय
हरियाणा- नायब सिंह सैनी
उत्तराखंड- पुष्कर सिंह धामी
गोवा- प्रमोद सावंत
असम- हिमंता बिस्वा सरमा
त्रिपुरा- माणिक साहा
अरुणाचल प्रदेश- पेमा खांडू
ओडिशा- मोहन चरण मांझी
महाराष्ट्र- देवेंद्र फडणवीस
दिल्ली- रेखा गुप्ता
सहयोगी दलों के साथ सरकार
बिहार (जेडीयू के साथ)- नीतीश कुमार
आंध्र प्रदेश (टीडीपी के साथ)- चंद्रबाबू नायडू
मेघालय (एनपीपी के साथ)- कोनराड संगमा
नगालैंड (एनडीपीपी के साथ)- नेफ्यू रियो
ये भी पढ़ें- रामनवमी पर PM मोदी का गिफ्ट! रामेश्वरम में पंबन ब्रिज का किया उद्घाटन, ट्रेन को भी दिखाई हरी झंडी
कमेंट